तमिलनाडु के सुलार में आज से बहुपक्षीय हवाई अभ्यास ‘तरंग शक्ति 2024’ होगा आरंभ

Fighter jet

भारत आज (मंगलवार) से तमिलनाडु के सुलार में अपने पहले बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास ‘तरंग शक्ति 2024’ की मेजबानी करने वाला है। इसमें भाग लेने वाले दस देशों में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सिंगापुर शामिल हैं। इस युद्धाभ्यास में करीब 30 देश भाग लेने वाले हैं, जिनमें से 10 देश अपने लड़ाकू विमानों के साथ शामिल होंगे। वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि इस अभ्यास में भाग लेने के लिए 51 देशों को आमंत्रित किया गया है। दस देश अपनी संपत्तियों के साथ भाग लेंगे, और 18 देश पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे, तथा एक और देश के भाग लेने की संभावना है। इस अभ्यास का उद्देश्य भारत की रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करना और भाग लेने वाले देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

नई दिल्ली में वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ, एयर मार्शल ए.पी. सिंह ने बताया कि भारतीय वायु सेना 6 अगस्त से दो चरणों में अपना सबसे बड़ा बहुपक्षीय वायु अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ आयोजित करने जा रही है। अभ्यास का पहला चरण आज (6 अगस्त) से 14 अगस्त तक तमिलनाडु के सुलार में और दूसरा चरण 29 अगस्त से 14 सितम्बर तक राजस्थान के जोधपुर में आयोजित होगा।

एयर मार्शल ए.पी. सिंह ने बताया कि इस अभ्यास में भारत अपने स्वदेशी लड़ाकू विमानों और उपकरणों का प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि भारत के तेजस, राफेल, मिराज 2000, जगुआर, मिग 29 और अन्य लड़ाकू विमान इस अभ्यास में शामिल होंगे।

वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा कि इस अभ्यास में भाग लेने के लिए 51 देशों को आमंत्रित किया गया है। इस अभ्यास का उद्देश्य भारत की रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करना और भाग लेने वाले देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना है। सिंह ने कहा, “51 देशों को निमंत्रण भेजा गया है। दस देश अपनी संपत्तियों के साथ भाग लेंगे, और 18 देश पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे, तथा एक और देश के भाग लेने की संभावना है।”

इसमें भाग लेने वाले दस देशों में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सिंगापुर शामिल हैं।

एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा कि इसका उद्देश्य अंतर-संचालन को बढ़ावा देना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और स्वदेशी रक्षा उद्योग को प्रदर्शित करना है। हमारा प्रयास इस अभ्यास के दौरान अपनी ऊर्जा और गतिशीलता का प्रदर्शन करना, एक-दूसरे से सीखना, संचालन प्रक्रिया, रणनीति, रणनीति सीखना होगा। हमारा लक्ष्य इन देशों के साथ अपने सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करना भी है।

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