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तीसरी सक्षमता बाद ही शिक्षकों की पदस्थापना होगी

ByKumar Aditya

मई 1, 2024
Bihar Teacher BPSC jpg

पहली सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को नये स्कूलों में पदस्थापन के लिए अभी और इंतजार करना होगा।

वर्तमान में लोकसभा चुनाव को लेकर राज्य में लागू आचार संहिता के कारण शिक्षकों के पदस्थापन की प्रक्रिया रुकी हुई है। इसी क्रम में शिक्षा विभाग की तैयारी है कि तीन सक्षमता परीक्षा पूरी होने के बाद ही शिक्षकों का पदस्थापन कार्य किया जाये। ताकि, अधिक-से-अधिक शिक्षकों का एक साथ पदस्थापन हो। इसको लेकर उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है, जिसपर जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। मालूम हो कि दूसरी सक्षमता परीक्षा के लिए नियोजित शिक्षकों से आवेदन की मांग भी की गयी है, जिसकी अंतिम तारीख चार मई है। नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने के लिए पांच मौके दिये जाने हैं। इनमें तीन परीक्षाएं ऑनलाई तो दो लिखित होंगी। चार जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना होनी है। चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही आचार संहिता समाप्त हो जाएगा। पहली सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को नये सिरे से पदस्थापन के लिए काउंसिलिंग होनी थी। इसके लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी गयी थी, जो नहीं मिली।

इस संबंध में विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि तीन सक्षमता परीक्षा मिलाकर कुल जितने शिक्षक उत्तीर्ण होंगे, उनका काउंसिलिंग कराकर नये स्कूल में पदस्थापित किया जाएगा। तीन सक्षमता परीक्षा के बाद स्कूल में पदस्थापन करने से अधिकतम शिक्षक इसके दायरे में आएंगे। इससे एक साथ ज्यादा-से-ज्यादा स्कूलों में नये सिरे से शिक्षकों का पदस्थापन हो सकेगा। वर्तमान में आचार संहिता लागू है, जिसके बीच में परीक्षाओं के आयोजन की तेजी से तैयारी चल रही है।

पहली सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण एक लाख 87 हजार शिक्षकों का पदस्थापन अभी रुका हुआ है। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को उनके प्राप्तांकों के आधार पर मनपसंद जिला आवंटित किया गया है। आवंटित जिले के स्कूल में ही इनका पदस्थापन होगा। इसके लिए राज्यभर में शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की विषयवार रिक्ति तैयार की जा रही है। इसको लेकर विभाग ने जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया है। जिलों से प्राप्त रिक्त पदों की सूची विभाग के सॉफ्टवेयर पर अपलोड की जाएगी। इसके बाद शिक्षकों को स्कूल आवंटन सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा। नये स्कूल में योगदान करने के बाद ही नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक का दर्जा मिलेगा। इसके साथ ही सरकारी शिक्षकों की तर्ज पर उन्हें सारी सुविधाएं मिलने लगेंगी। मालूम हो कि राज्य में तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षक हैं।


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