नयी दिल्ली, 24 जून (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वीं लोकसभा की कार्यवाही शुरु होने से पहले आज चुनकर आये सांसदों का अभिवादन करते हए सभी से जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरने का आग्रह किया और कहा कि वह सबकी सहमति से सरकार चलाएंगे इसलिए उन्हें उम्मीद है कि विपक्ष जिम्मेदारी से काम कर जन भावनाओं पर खरा उतरेगा
श्री मोदी ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा “देश के 65 करोड़ लोगों ने 18वीं लोकसभा के प्रतिनिधियों को आकांक्षाओं के साथ चुनकर भेजा है। जनता ने जो भरोसा जताया है , हम सबको मिलकर उनकी आकांक्षाओं पर खरा उतारना होगा।” उन्होंने विश्वास दिलाया कि वह सबकी सहमति से सरकार चलाएंगे और विपक्षी दलों से उम्मीद जताई है कि वे भी जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतर कर काम करेंगे।
उन्होंने कहा “संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हम अपने बनाये नये संसद भवन में शपथ लेने जा रहे हैं। अब तक यह प्रक्रिया पुराने संसद भवन में हुआ करती थी। आज का दिन विशेष महत्वपूर्ण है और इस अवसर पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का अभिनंदन करता हूं और सबको शुभकामनाएं देता हूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा , “विकसित भारत 1947 जैसे कई संकल्पना को लेकर आज 18वीं लोकसभा का आरंभ हो रहा है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का चुनाव बड़े शांत और गौरवपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ है। यह हम सबके लिए गौरव की बात है। करीब 65 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने चुनाव में हिस्सा लिया।”
उन्होंने 2024 के चुनाव को महत्वपूर्ण बताया और कहा , “यह चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने के लिए देश की जनता ने अवसर दिया है और यह अवसर लंबे समय बाद देश में आया है इसलिए यह सब हम सबके लिए गौरव का विषय है। जनता ने तीसरे कार्यकाल के लिए हमारी सरकार को मौका दिया और इसका मतलब है कि उन्होंने हमारे काम पर भरोसा किया है और उस पर मुहर लगाई है। इसके लिए मैं देशवासियों का आभार व्यक्त करता हूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा “देश चलाने के लिए सहमति होती है और सरकार बनाने के लिए बहुमत होता है इसलिए हमारा लक्ष्य है कि सबको साथ लेकर और सबकी सहमति से देश की जनता की सेवा करना है। देश के 140 करोड लोगों की आशा और आकांक्षाओं को पूरा करना है। हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं, सबको साथ संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए विकास को गति देना चाहते हैं। यह खुशी की बात है कि 18वीं लोकसभा में युवा सांसदों की संख्या अच्छी खासी है।
आपातकाल को लोकतंत्र के लिए काला धब्बा बताते हुए उन्होंने कहा , “जो लोग देश के संविधान के प्रति समर्पित हैं देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए निष्ठावान है, उनके लिए 25 जून ना भूलने वाली तिथि है क्योंकि 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर धब्बा लगा था, उसके 50 साल कल पूरे हो रहे हैं। भारत के लोग कभी नहीं भूलेंगे कि इस दिन लोकतंत्र को पूरी तरह से दबोच दिया गया था। आपातकाल देश के संविधान में काला धब्बा था। हम संकल्प करेंगे कि संविधान के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करना है और अब कोई दूसरी बार कभी भी देश में दूसरा आपातकाल नहीं लग सकेगा।”
उन्होंने कहा “देश की जनता ने तीसरी बार मौका दिया है। यह बहुत ही महान विजय है और अब हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ गया है इसलिए देशवासी विश्वास दिलाता हूं कि हमारे पास दो बार सरकार चलाने का अनुभव है और हम पहले की अपेक्षा तीन गुना बेहतर सरकार चलाएंगे।”
श्री मोदी ने कहा, “हम नए कार्यभार को लेकर आगे चल रहे हैं। सभी सांसदों से देश को बहुत अपेक्षा है इसलिए सबसे आग्रह करुंगा कि जनहित के लिए मील अवसर का उपयोग करें और हर संभव जनहित में कदम उठाएं।”
प्रधानमंत्री ने विकसित दलों से भी जनहित के काम करने की अपील करते हुए कहा “देश की जनता को विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा हैं। अब तक उससे निराश मिली है लेकिन अब उम्मीद है कि विपक्ष जनता की आकांक्षाओं पर खराब उतरेगा।”
उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा , “देश को अच्छे और जिम्मेदार विपक्ष का आवश्यकता है और हमें विश्वास है कि 18वीं लोकसभा में जो सांसद जीत कर आए हैं वे लोगों की आकांक्षा को पूरा करेंगे। देश को आगे बढ़ने का हम सब का दायित्व है और हम सबको मिलकर जनता जे विश्वास पर खरा उतारते हुए आगे बढ़ाना है। देश के 25 करोड़ नागरिकों का गरीबी से बाहर निकलना नया विश्वास पैदा करता है और इससे यह भी विश्वास पैदा होता है कि जल्दी ही भारत को गरीबी से मुक्त करने में सफलता हासिल करेंगे। हमें उम्मीद है कि 18वीं लोकसभा संकल्प का सदन बनेगा ताकि सामान्य नागरिक के सपने साकार हो सभी सांसदों का स्वागत करता हूं अभिनंदन करता हूं और जो देश की जनता ने दायित्व दिया है उसे हम मिलकर के बखूबी निभाएं।”
प्रधानमंत्री ने 18वीं लोकसभा को शुभ बताया और कहा “हमारे यहां 18 अंक का बहुत मूल्य है। गीता के 18 अध्याय कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश देते हैं। हमारे यहां पुराणों की संख्या भी 18 है। भारत के अमृत काल मे 18वीं लोकसभा का गठन शुभ संकेत है।”