मध्य बंगाल की खाड़ी (बीओबी) पर दबाव गहरे दबाव में तब्दील हो गया है। अब दबाव पूर्व-मध्य बीओबी पर उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ गया है और अब कोलकाता से लगभग 620 किमी दक्षिण- बंगाल की खाड़ी पर दक्षिणपूर्व में 18 डिग्री उत्तर और 90 डिग्री पूर्व में केंद्रित है। आज शाम तक इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और तूफान में तब्दील होने की संभावना है।
रेमल चक्रवात की सैटेलाइट तस्वीर
चक्वाती तूफान में बदलने की सैटेलाइट इमेजरी में गहरा अवसाद साफ विशेषताओं के साथ दिखाई दे रहा है, जो अभी औऱ भी स्पष्ट हो रही है। संवहनशील बादलों के तंग गोलाकार बैंड निचले स्तर के चक्रवाती परिसंचरण के चारों ओर लिपटे हुए हैं, जिनका बहिर्प्रवाह अच्छा है।
गहरे दबाब के तेज होने के लिए पर्यावरणीय परिस्थितियाँ बन रही हैँ। समुद्र की सतह का तापमान 30-31 डिग्री है और मध्यम हवा का कतराव इसे और तीव्र होने के लिए पर्याप्त समर्थन प्रदान कर रहा है। इस प्रणाली के अगले लगभग 12 घंटों में एक चक्रवाती तूफान में बदलने की प्रबल संभावना है।
चक्रवात सुंदरबन डेल्टा और सागर द्वीप समूह के करीब से गुजरते हुए बांग्लादेश की ओर बढ़ेगा। तूफान और अधिक तीव्र होकर कल शाम/रात को गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में खेपुपारा के पास बांग्लादेश तट को पार करेगा। प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण तूफान का आंध्र प्रदेश और ओडिशा के समुद्र तट पर प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। हालाँकि, बादल छाए रहेंगे और मध्यम तेज़ हवाएँ, रुक-रुक कर मध्यम वर्षा करेंगी।
जैसे-जैसे तूफान करीब आएगा, डेल्टा क्षेत्र और गंगीय पश्चिम बंगाल के समुद्र तट पर आसमान में बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी। इन क्षेत्रों में भारी वर्षा और तेज़ हवाएँ चलने की संभावना है। भूस्खलन के बाद अगले 48 घंटों तक पूर्वोत्तर भारत में मौसम खराब रहने की संभावना है। स्थानीय लोग़ सावधानी बरतें और छोटी सूचना पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।