भाजपा सांसद सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि जदयू नेताओं ने राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते लालू परिवार के भ्रष्टाचार से समझौता कर लिया है। इसलिए रेलवे की नौकरी के बदले लोगों की जमीन लिखवाने के मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से बिंदुवार जवाब नहीं मांगा जा रहा है। क्या जदयू तेजस्वी की गिरफ्तारी का इंतजार कर रहा है।
नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू परिवार के करीबी अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद ताजा आरोप-पत्र में तेजस्वी की बहन हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी सहित 7 नाम शामिल होने से शिकंजा कसता जा रहा है।
राजद के साथ पिछली पारी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के मामले में तेजस्वी यादव का नाम आने पर सभी आरोपों का बिंदुवार जवाब नहीं मिलने पर जुलाई 2017 में स्वयं पद से इस्तीफा देकर गठबंधन तोड़ दिया था।
6 साल बाद फिर मुख्यमंत्री के सामने वही परिस्थिति है और लोग भी वही हैं।