जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने संबंध आरजेडी के साथ होने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के प्रयास में उनकी जेडीयू के अध्यक्ष पद से विदाई हो गई, यह पूरी तरह झूठ है। एक मंत्री के दफ्तर में दर्जनभर विधायकों के साथ 20 दिसंबर की बैठक की बात भी भ्रामक है। ललन सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि 20 तारीख को वे सीएम नीतीश कुमार के साथ दिल्ली में थे और वहां वहां मुख्यमंत्री के साथ एक बैठक कर रहे थे।
जेडीयू सांसद ललन सिंह ने शनिवार को एक पत्र जारी कर अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि मीडिया में उनके बारे में जो खबरें चलाई जा रही हैं, वे भ्रामक है। उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई है। साथ ही उनके नीतीश कुमार से 37 साल पुराने संबंधों पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। उन्होंने कहा, “असल बात यह है कि मैंने अपने संसदीय क्षेत्र (मुंगेर) में व्यस्तता के कारण अपनी इच्छा और सीएम नीतीश की सहमति से जेडीयू अध्यक्ष का पद छोड़ा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद इस पद का दायित्व को लिया है।
ललन सिंह ने कहा कि उनकी छवि धूमिल करने वालों के खिलाफ वे मानहानि का मुकदमा भी करेंगे। अभी वे दिल्ली में पटना आकर इस पर एक्शन लेंगे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू एकजुट है।
दूसरी ओर, बीजेपी नेता एवं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने शनिवार को ललन सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ललन सिंह ने तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए जेडीयू के 12-13 विधायकों को तोड़ लिया था। नीतीश कुमार को इसकी भनक लग गई थी। इसलिए उन्हें पद से हटा दिया गया।