पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि रेलवे की नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव सहित 17 लोगों के विरुद्ध आरोपपत्र दायर होने के बाद उन्हें अब इधर-उधर की बात करने के बजाय सभी मुद्दों पर बिंदुवार जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जदयू अध्यक्ष ललन सिंह इस मामले में लालू प्रसाद, पुत्र तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, पुत्री हेमा यादव और अन्य आरोपियों के विरुद्ध इतने पुख्ता सबूत सीबीआई को उपलब्ध करा चुके हैं कि इनमें से कोई सजा पाने से बच नहीं सकता है।
सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी बताएं कि वे दिल्ली की फ्रेंड्स कालोनी में 150 करोड़ के बंगले (डी-1088) के मालिक कैसे बन गए? मोदी ने कहा कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद के इशारे पर जिन लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई, उनकी जमीन एके इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से ली गई। बाद में करोड़ों की इस कंपनी को तेजस्वी यादव ने मात्र 4 लाख में खरीद लिया। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद का खुला ऑफर था- जमीन दो, नौकरी लो।
उन्होंने कहा कि इसी झांसे में आकर रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी (खलासी) पाने के लिए हृदयानंद चौधरी ने पटना की कीमती जमीन राबड़ी देवी और उनकी पुत्री हेमा यादव को दान में दे दी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव में हिम्मत हो, तो इन आरोपों का जवाब प्रमाण के साथ जनता के समाने रखें। मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने पिछड़े, अतिपिछड़े समुदाय के वोट लेकर राज किया, लेकिन गरीबी केवल अपने परिवार की दूर की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने क्लर्क-चपरासी की मामूली नौकरी देने के बदले गरीबों की जमीन छीन ली, वे 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर रहे हैं।