“भारत एकमात्र देश है जहां ईंधन की कीमतें वास्तव में कम हुई हैं।” ये बात केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप एस. पुरी ने कही। दरअसल, संसद में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने भारत में पेट्रोल और डीजल विनियमन की स्थिति, डीलर मार्जिन और ईंधन की कीमतों पर सरकारी नीतियों के प्रभाव का विस्तृत विवरण दिया।
उन्होंने कहा, “आज भारत में ईंधन की कीमत सबसे कम हैं और यह एकमात्र ऐसा देश है जहां पिछले 2.5-3 वर्षों में कीमतों में वास्तव में कमी आई है। यह उपलब्धि हमारे पीएम मोदी द्वारा लिए गए साहसिक, महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी निर्णयों के कारण है।”
सरकार उचित ईंधन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को 2010 और 2014 में नियंत्रण मुक्त किया गया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नियंत्रण मुक्त करने का मतलब है कि ईंधन की कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित किए जाने के बजाय तेल विपणन कंपनियों द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
पिछली सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों पर विचार करते हुए उन्होंने ₹1,41,000 करोड़ मूल्य के तेल बांड जारी करने का उल्लेख किया, जिसके लिए आज ₹3,20,000 करोड़ की राशि का भुगतान करना आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान सरकार उचित ईंधन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इस क्षेत्र की नियंत्रण मुक्त प्रकृति के कारण वह विवश है।
डीलर मार्जिन पर क्या कहा
केंद्रीय मंत्री हरदीप एस. पुरी ने डीलर मार्जिन के मुद्दे पर भी बात की, जो संसदीय प्रश्न का केंद्र बिंदु था। उन्होंने बताया कि डीलर मार्जिन का निर्धारण सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) और उनके डीलरों के बीच एक वाणिज्यिक संविदात्मक मामला है। उन्होंने कहा कि भारत में वर्तमान में 90,639 रिटेल आउटलेट (आरओ) हैं, जिनमें से 81,000 सार्वजनिक क्षेत्र में और 9,000 निजी क्षेत्र में हैं, जिनका संचालन मुख्य रूप से रिलायंस और नायरा द्वारा किया जाता है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार डीलर मार्जिन के मामले पर उचित निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए तेल विपणन कंपनियों और डीलरों के बीच बातचीत की सुविधा प्रदान कर रही है।
घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने में रही कामयाब
उन्होंने वैश्विक ईंधन कीमतों पर तथ्य-जांच का भी आह्वान किया, इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने में कामयाब रही है, जिसमें दो मौकों पर उत्पाद शुल्क में कमी करना शामिल है, जिससे कीमतों में क्रमशः ₹13 और ₹16 की कमी आई है। इसके अतिरिक्त, बीजेपी शासित राज्यों में वैट में कटौती ने मूल्य नियंत्रण में और योगदान दिया।
इस दौरान उन्होंने राज्यों में वैट दरों में असमानता को उजागर करते हुए निष्कर्ष निकाला, विशेष रूप से यह बताते हुए कि विपक्षी दलों द्वारा शासित कुछ राज्यों ने समान कटौती का अनुपालन नहीं किया है, जिसके कारण उन क्षेत्रों में ईंधन की कीमतें अधिक हैं। सरकार निष्पक्ष प्रैक्टिस को सुनिश्चित करने और विनियमन मुक्त ईंधन क्षेत्र में मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।