दरभंगा राज परिवार के राजकुमार कीर्ति सिंह की बहू व बाबू जगदीश नन्दन सिंह की धर्मपत्नी गुंजेश्वरी सिंह का निधन गुरुवार की देर रात मधुबनी ड्योढ़ी परिसर स्थित निवास पर निधन हो गया। वे 91 वर्ष की थीं। गुंजेश्वरी सिंह की कोई संतान नहीं है।
यह जानकारी शुक्रवार को देते हुए दरभंगा राज परिवार से करीब से जुड़े आशीष झा ने कहा कि मधुबनी जिले में शिक्षण संस्थानों की स्थापना में बाबू जगदीश नंदन सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जैसे दरभंगा में बाबू चंद्रधारी सिंह ने कॉलेज और संग्रहालय की स्थापना की, उसी तरह मधुबनी में बाबू जगदीश नंदन सिंह की पत्नी गुंजेश्वरी सिंह ने कॉलेज और कई स्कूल खोले। मधुबनी जिले का पहला कॉलेज जगदीश नंदन कॉलेज 1949 में उन्होंने ही खोला था। इसके अलावा उन्होंने कई स्कूलों की भी स्थापना की थी।
आपको बता दें कि शिक्षण संस्थानों की स्थापना में बाबू जगदीशनंदन सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. जैसे दरभंगा में चंद्रधारी सिंह ने कॉलेज और संग्रहालय की स्थापना की. वैसे ही मधुबनी में बाबू जगदीश नंदन सिंह की पत्नी गुञ्जेश्वरी सिंह ने कॉलेज और कई स्कूल खोले. उनकी ख्याति आज भी शिक्षा के क्षेत्र में किये गये उनके कार्यों को लेकर है. गुञ्जेश्वरी बुआसिन ने कई लोककल्याणार्थ कार्य की. 1944 में बाबूबरही में जगदीश नंदन हाई स्कूल बाबूरही की स्थापना की.1949 में मधुबनी में जगदीश नंदन महाविद्यालय की स्थापना की. 1960 में मधुबनी में ही गुञ्जेश्वरी नेत्रहीन बालिका विद्यालय की स्थापना की. बाबू जगदीशनंदन सिंह उन तीन लोगों में से हैं जिन्होंने 1946 में भारत-नेपाल रेलखंड के लिए अपनी जमीन नेपाल रेलवे को किराये पर दी हुई हैं.