दस वर्षों में 87 लाख रुपये बढ़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संपत्ति

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र के साथ जो हलफनामा दाखिल किया है, उसके मुताबिक मोदी के पास न तो कार है और न ही कोई जमीन। उन्होंने 10 साल से कोई ज्वेलरी नहीं खरीदी। 10 वर्षों के दौरान उनकी पूरी सम्पत्ति 87 लाख रुपये बढ़ी है।

पहले चुनाव में 1.65 करोड़ रुपये संपत्ति बताई थी मोदी ने कुल 3.02 करोड़ की संपत्ति बताई है। पांच साल में यह संपत्ति 87 लाख रुपये बढ़ी है। उनके पास 52 हजार 920 रुपये कैश है। वाराणसी में अपने पहले चुनाव (2014) में मोदी ने अपनी कुल संपत्ति 1.65 करोड़ रुपये बताई थी। 2019 में यह 2.15 करोड़ हो गई थी। मोदी ने अपने नामांकन पत्र में पत्नी के रूप में जशोदाबेन का नाम लिखा है लेकिन पत्नी की आय समेत दूसरी जानकारी नहीं दी है। मोदी जब 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने अक्टूबर में एक जमीन खरीदी थी। इसमें वह तीसरे हिस्सेदार थे। बाद में उन्होंने अपना हिस्सा दान कर दिया था।

कोई म्यूचुअल फंड नहीं

सन-2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी के पास सोने की चार अंगूठी थीं। इनका वजन 45 ग्राम है। पिछली बार इस गोल्ड की कीमत 1.13 लाख रुपये बताई गई थी। इस बार यह बढ़कर 2.67 लाख रुपये हो गई है। उनका शेयर या फिर म्यूचुअल फंड में कोई निवेश नहीं है। पोस्ट ऑफिस में 9.12 लाख रुपये के नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) हैं। 2019 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक, मोदी ने नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में 7 लाख 61 हजार 466 रुपये जमा कराए थे। उनके पास 1 लाख 90 हजार 347 रुपये का जीवन बीमा भी था।

सरकारी वेतन और ब्याज ही आय का स्रोत

प्रधानमंत्री ने अपनी कमाई का जरिया सरकार से मिली तनख्वाह और बैंकों से मिलने वाले ब्याज को बताया है। इसके अलावा उनके पास कमाई का कोई साधन नहीं है।

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