BiharPatna

दागी IAS संजीव हंस के समर्थन में उतरे पप्पू यादव: बोले- वह दलित हैं तो उन्हें बलि का बकरा बना दिया, बाकी भ्रष्ट अधिकारियों पर एक्शन कब होगा?

Google news

रेप और भ्रष्टाचार के आरोपी बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ ईडी के शिकंजे के बाद आखिरकार सरकार ने संजीव हंस को ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया है। संजीव हंस के खिलाफ सरकार के इस फैसले पर पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने सवाल उठाया है और उनके समर्थन में उतर गए हैं।

पप्पू यादव ने कहा है कि सिर्फ एक अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप है क्या? केवल आप दलित अधिकारी का गला रेतिएगा? संजीव हंस दलित हैं तो बलि का बकरा बना दिए। अगर उन्होंने गलती किया था तो वह समझेंगे। सिर्फ संजीव हंस ही नहीं, जो सालों से पटना में सचिव बैठे हुए हैं उनके खिलाफ कब एक्शन होगा? पप्पू यादव ने इन सभी मुद्दों को एक एक कर संसद में उठाने की बात कही है।

बता दें कि बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस का विवादों से पुराना नाता रहा है। संजीव हंस के ऊपर भ्रष्टाचार और रेप जैसे संगीन आरोप हैं। बावजूद वह ऊर्जा विभाग के एसीएस के रूप में काम कर रहे थे। पिछले दिनों ईडी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटना से लेकर दिल्ली और पुणे तक संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी की थी। संजीव हंस पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला से भी ईडी ने पूछताछ की है।

रेप और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगने के बावजूद सरकार के संरक्षण में काम कर रहे संजीव हंस पर जब ईडी ने शिकंजा कसा तो विधानसभा में भी उसकी गूंज सुनाई दी। विपक्ष के भारी दवाब के बाद आखिरकार संजीव हंस से ऊर्जा विभाग का अतिरिक्त प्रभार वापस लेते हुए उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग में शंटिंग कर दिया गया। अब पूर्णिया सांसद पप्पू यादव संजीव हंस के समर्थन में उतर आए हैं और दलित अधिकारी को टारगेट करने का आरोप लगाया है।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण