देश की राजधानी दिल्ली 48 घंटे पहले तक पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रही थी। सरकार की मंत्री अनशन तो विपक्ष मटका फोड़ प्रदर्शन कर रहा था। उसी राजधानी में गुरुवार-शुक्रवार की रात ढाई घंटे की मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। एयरपोर्ट के टर्मिनल-एक की छत गिरने से एक कैब ड्राइवर की जान चली गई। दिल्ली-एनसीआर में सात लोगों की मौत हुई है।
सड़कों पर भरे पानी में बस-कारें डूब गईं। कई मेट्रो स्टेशन बंद करने पड़े। समूचा एनसीआर छह घंटे से अधिक जाम से जूझता रहा। दिल्ली में बारिश ने 88 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सबसे बड़ा हादसा दिल्ली हवाई अड्डे पर हुआ। यहां छत का एक हिस्सा अचानक गिर गया। एक कैब चालक की जान चली गई, जबकि आठ लोग घायल हो गए।
जलभराव से दिल्ली की 400 से ज्यादा सड़कें प्रभावित हुईं और एक हजार के करीब वाहन डूब गए या खराब हो गए। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में 24 घंटे के दौरान 228.1 मिमी बारिश हुई। इससे पहले 24 जून 1936 को 235.5 मिमी बारिश हुई थी।