दिल्ली विश्वविद्यालय की रैगिंग के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस की नीति, एंटी रैगिंग नियमों को बनाया सख्त

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नए शैक्षणिक वर्ष से पहले, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) द्वारा छात्र- छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रैगिंग विरोधी कड़े प्रावधानों को लागू किया गया है। जिसमें तत्काल प्रभाव से, रैगिंग के लिए दंड में निलंबन, निष्कासन, डिग्री रद्द करना और कक्षाओं और परीक्षाओं में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल है।

दिल्ली विश्वविद्यालय ने बीते गुरुवार को प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक आयोजित की, जिसमें रैगिंग को रोकने के उद्देश्य से कड़े उपायों पर चर्चा की गई, जिन्हें इस सत्र से लागू किया जाएगा। शुक्रवार को डीयू द्वारा जारी अधिसूचना में, 11 एंटी-रैगिंग पहल, एक शिकायत तंत्र और संबंधित दंड का प्रावधान है। इसके मुताबिक सभी छात्रों और छात्रावास के निवासियों को अपने माता-पिता या अभिभावकों के साथ प्रवेश के दौरान एक एंटी-रैगिंग अंडरटेकिंग पर हस्ताक्षर करना होगा।

12 से 18 अगस्त तक एंटी-रैगिंग सप्ताह मनाएगा दिल्ली विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय 12 अगस्त को एंटी-रैगिंग दिवस मनाएगा, उसके बाद 12 से 18 अगस्त तक एंटी-रैगिंग सप्ताह भी मनाएगा। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इन कार्यक्रमों का लक्ष्य रैगिंग के खतरों और परिणामों के बारे में जागरूकता और सभी छात्रों के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देना है। अधिसूचना के मुताबिक रैगिंग की किसी भी घटना से तुरंत निपटने के लिए डीयू उत्तर और दक्षिण परिसर में दो संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित करेगा।

अधिसूचना में छात्र-छात्राएं यूजीसी एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन (1800-180-5522), एंटी-रैगिंग वेब पोर्टल और स्थानीय पुलिस संपर्कों सहित कई चैनलों के माध्यम से रैगिंग की घटनाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं। रैगिंग के प्रति विश्वविद्यालय की शून्य-सहिष्णुता नीति को सुदृढ़ करने के लिए उत्तर और दक्षिण परिसर में अंग्रेजी और हिंदी दोनों में एंटी-रैगिंग पोस्टर भी लगाए गए हैं।

कॉलेजों और छात्रावासों में बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने और एंटी-रैगिंग नियमों को प्रमुखता से निर्देश दिया गया है। प्रत्येक कॉलेज, संकाय, विभाग और छात्रावास को संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए एनसीसी/एनएसएस छात्र स्वयंसेवकों का उपयोग करते हुए एंटी-रैगिंग/अनुशासनात्मक समितियां और सतर्कता दस्ते स्थापित करने की आवश्यकता है।

इसके अतिरिक्त, प्रत्येक कॉलेज के बाहर पुलिस की तैनाती की जाएगी, जिसमें महिला कॉलेजों के लिए विशेष प्रावधान होंगे। रैगिंग और छेड़छाड़ के मुद्दों से निपटने के लिए सादे कपड़ों में महिला अधिकारी विश्वविद्यालय परिसर में गश्त करेंगी।

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