आम तौर पर बटर बनाने के लिए मिल्क का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, अब ऐसा बटर मार्केट में आने जा रहा है, जिसे बनाने के लिए हवा का इस्तेमाल किया जाएगा। एक अमेरिकी स्टार्टअप कंपनी ने हवा से बटर तैयार करने का फार्मूला तैयार किया है। कंपनी का दावा है कि इस बटर का स्वाद व्हाइट बटर और यैलो बटर की तरह ही होगा। हैरानी की बात यह है कि जिस कंपनी ने यह दावा किया है, उसका कनेक्शन दुनिया के अमीर व्यक्तियों में से एक बिल गेट्स से है।
सवोर नाम की कंपनी ने किया दावा
कैलिफोर्निया की एक कंपनी ने की है, जिसका नाम है सवोर (Savor). ये स्टार्टअप है और कंपनी का दावा है कि वो डेयरी फ्री बटर बना रही है, जिसका स्वाद असली बटर जैसा ही है. इस कंपनी ने बिना दूध और डेयरी प्रोडक्ट के आइसक्रीम, पनीर आदि के विकल्प बनाए हैं और अब इसमें बटर भी शामिल हो गया है. कंपनी अब बिना डेयरी-प्रोडक्ट के बटर बनाने का दावा कर रही है और इसका टेस्ट असली बटर जैसा ही होगा।
2025 से शुरू हो सकती है बिक्री
इस बटर के बाजार में आने को लेकर कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव कैथलीन एलेक्जेंडर का कहना है कि अभी इसे बेचना शुरू नहीं किया गया है और इसे बेचने के लिए अप्रूवल लेने के फेज में हैं. अभी साल 2025 तक इसे बेचने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं और इसके बाद ही ये बाजार में आ सकता है. अभी इसके टेस्ट आदि को लेकर एक पैनल बनाया गया है, जो इस पर काम कर रहा है. ऐसे में अभी इसके बाजार में आने की उम्मीद नहीं है
किस तरह बिना दूध बटर बना रही है. कंपनी इस बटर को बनाने के लिए थर्मोकेमिकल प्रोसेस का इस्तेमाल करती है, जिसके जरिए कार्बन डाइ ऑक्साइड, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को कंबाइन करके बटर बनाया जा सकता है. यानी इसे बनाने में वो ही कॉम्पोनेंट शामिल किए जाएंगे, जो हवा से मिल सकते हैं. कंपनी ना सिर्फ रियल टेस्ट वाला बटर बना रही है, बल्कि इसके साथ ही ये पर्यावरण के नजरिए से भी काफी फायदेमंद है।
सेहत के लिए फायदेमंड
कंपनी के अनुसार, उनके प्रोडक्ट्स में डेयरी प्रोडक्ट वाले बटर की तुलना में काफी कम कार्बन फुटप्रिंट होगा, जो कि प्रति किलोग्राम में सिर्फ 0.8 ग्राम है. वहीं, इसके विपरीत 80 फीसदी फैट वाले अनसॉल्टेड बटर में एक किलोग्राम में 16.9 किलोग्राम फुटप्रिंट होता है. जिससे यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होगा
बिल गेट्स से कनेक्शन की बात करें तो इस स्टार्टअप को बिल गेट्स का सपोर्ट है और बिल गेट्स ने भी इस आइडिया का समर्थन किया है.बिल गेट्स का भी कहना है कि लैब में बने फैट और तेलों पर स्विच करना पहले तो थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन इससे कार्बन फुटप्रिंट को बड़ी मात्रा में घटाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कुछ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके हम पर्यावरण के प्रति अपने लक्ष्यों को हासिल करने में सफल हो सकते हैं। इससे ग्रीन हाउस गैस रिलीज नहीं होगी और ना ही फार्मलैंड का इस्तेमाल होगा और पानी का इस्तेमाल भी कम होगा।