विधानसभा चुनाव से पहले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच की खटास चरम पर पहुंच गई है। दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। शनिवार को फडणवीस ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के बयानों को सही बताते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली पूर्ववर्ती महाविकास आघाड़ी सरकार ने 4 बार मुझे और मेरे सहयोगी गिरीश महाजन व प्रवीण दरेकर को जेल में भेजने की कोशिश की थी। फडणवीस नागपुर में मीडिया से बात कर रहे थे।
परमबीर ने हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली मविआ सरकार के दौरान गृहमंत्री रहे अनिल देशमुख पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने मविआ सरकार के दौरान देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ केस दर्ज करने का दबाव बनाया था। इसके बाद अब देवेंद्र फडणवीस ने भी इस संबंध में अहम बयान दिया है।
फडणवीस ने कहा कि परमबीर सिंह ने जो कहा, वह सच है मेरी गिरफ्तारी के लिए कुछ अधिकारियों को सुपारी दी गई। “हम उसे बेनकाब करने में सक्षम थे। मैं, प्रवीण दरेकर, गिरीश महाजन कुछ अन्य नेता थे, लेकिन कुछ अच्छे अधिकारियों ने झूठे मामले दर्ज करने से इनकार कर दिया, फडणवीस ने कहा उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उन्होंने सीबीआई को वीडियो सबूत दिए।
परमबीर सिंह ने क्या कहा
परमबीर ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया कि महा विकास अघाड़ी के कार्यकाल में उन्हें विपक्षी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए सिल्वर ओक और मातोश्री में बुलाया गया था, लेकिन उन्होने झूठे केस दर्ज कराने से इनकार कर दिया। सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि सुशांत सिंह मामले में बॉलीवुड पर दबाव डाला जा रहा था।
सिंह ने कहा कि विपक्ष के नेता फडणवीस को फंसाने के लिए तत्कालीन महा विकास अघाड़ी सरकार पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के जरिए दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं में प्रवीण दरेकर को फंसाने के लिए मातोश्री में बैठक हुई, जबकि गिरीश महाजन को फंसाने के लिए सिल्वर ओक में बैठक हुई। इसके अलावा सिंह ने जयकुमार रावल को भी फंसाने के लिए मीटिंग की गई थी।