देशभर के शिवालयों में सावन की शिवरात्रि पर बम-बम भोले की गूंज, सीएम योगी करेंगे हैलीकॉप्टर से शिव भक्तों पर पुष्प वर्षा

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GURGAON, INDIA - AUGUST 5: Hindu devotees pray and pour milk and holy water over an idol of lord Shiva on the occasion of Shivaratri at the Gufawala Shiv temple on the morning of Shivratri festival on August 5, 2013 in Gurgaon, India. Shivaratri which falls during Shravana month is known as Sawan Shivaratri is considered highly auspicious among Hindus. (Photo by Parveen Kumar/Hindustan Times via Getty Images)

सावन की शिवरात्रि पर आज (शुक्रवार) देशभर के सभी शिवालय, देवालय और अन्य पूजास्थल सुबह से बम-बम भोले के उद्घोष से गुंजायमान हैं। कांवड़ तीर्थयात्री पवित्र गंगाजल लेकर पहुंच रहे हैं। दोपहर से शिवरात्रि के शुभ मुहूर्त होने के साथ ही भगवान शिव का जलाभिषेक शुरू हो जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज कांवड़ यात्रा मार्ग का सर्वेक्षण करेंगे। इस दौरान वह हैलीकॉप्टर से शिव भक्तों पर पुष्प वर्षा भी करने वाले हैं। सावन शिवरात्रि एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। यह त्योहार चंद्र मास के 14वें दिन मनाया जाता है और भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है। जुलाई और अगस्त के बीच पड़ने वाला यह पवित्र महीना भगवान शिव को समर्पित पूजा, उपवास और तीर्थयात्रा का समय होता है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लगभग सभी देवालयों में सुबह से लोगों की भीड़ है। आज सुबह सावन के पवित्र महीने में शिवरात्रि के अवसर पर पूजा-अर्चना करने के लिए दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। ऐसा ही दृश्य कालकाजी मंदिर में रहा। भक्त भगवान शिव को प्रसाद चढ़ाने और अपनी श्रद्धा व्यक्त करने तथा अपने जीवन में दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिर परिसर में उमड़ पड़े। लोगों को मंदिर में शिव लिंग पर जलाभिषेक करते तथा दही, दूध, शहद, पंचामृत बेलपत्र, फूल तथा चंदन का लेप चढ़ाते देखा जा सकता है।

देश के अन्य स्थानों में भी सावन की शिवरात्रि धूम-धाम से मनाई जा रही है। ‘सावन शिवरात्रि’ के अवसर पर उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा की गई। इस दौरान दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। अयोध्याधाम के नागेश्वर नाथ मंदिर, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर और मेरठ के काली पलटन मंदिर में भोर से ही लोगों की कतार लगी हुई है। झारखंड में भी सावन शिवरात्रि के अवसर पर शिव भक्तों ने रांची के पहाड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की।

वहीं दूसरी ओर हरिद्वार और गोमुख आदि जगह से पवित्र गंगाजल लेकर राजस्थान और हरियाणा के अधिकांश कांवड तीर्थयात्री अपने गंतव्य की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली में रात्रि विश्राम कर आज सुबह इन्होंने गंतव्य की तरफ प्रस्थान किया। कांवड मार्गों पर बम-बम भोले के उद्घोष की गूंज है। कांवड यात्रा जुलूस में कांवडिये नदी से पानी इकट्ठा करते हैं और इसे भगवान शिव के मंदिरों में चढ़ाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर तक ले जाते हैं। कांवड यात्रा एक तीर्थयात्रा है जो 22 जुलाई को शुरू हुई और 2 अगस्त को शिवरात्रि पर समाप्त होगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज कांवड़ यात्रा मार्ग का सर्वेक्षण करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री मेरठ में बाबा औघड़नाथ मंदिर, बागपत में पुरा महादेव और गाजियाबाद में दूधेश्वरनाथ मंदिर का सर्वेक्षण करेंगे। मुख्यमंत्री सर्वेक्षण के दौरान हैलीकॉप्टर से शिव भक्तों पर पुष्प वर्षा भी करने वाले हैं।

बता दें कि उत्तराखंड के हरिद्वार में मां गंगा के पावन तटों पर लोग स्नान कर शिवालयों की तरफ बढ़ रहे हैं। सबसे ज्यादा भीड़ कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में है। शिव भक्तों ने कनखल में दक्षेश्वर महादेव मंदिर, जो कि शिव का ससुराल है, में भगवान शिव का जलाभिषेक किया। फागुन महीने में महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का सती से विवाह हुआ था। इसी के प्रतीक के रूप में शिव भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं और उन्हें आदि के साथ दूध, दही, शहद, बेलपत्र, फूल तथा गंगा जल चढ़ाते हैं।

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