देश के इस हिस्से में मानसून ने दी दस्तक, जल्द मिलेगी प्रचंड गर्मी से राहत

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मानसून ने देश के सबसे दक्षिणी हिस्से में दस्तक दे दी है।इसके जल्द ही केरल पहुंचने की उम्मीद है।इसके बाद ये तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश होते हुए देश के दूसरे राज्यों तक पहुंच जाएगा।

उत्तर भारत में प्रचंड गर्मी के बीच देश के सबसे दक्षिणी इलाके निकोबार द्वीप समूह में रविवार को मानसून ने दस्तक दे दी. इसी के साथ यहां बारिश का दौर भी शुरू हो गया. बता दें कि दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा माना जाता है, जिससे किसानों को धान जैसी फसलों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून निकोबार पहुंच चुका है. मौसम विभाग ने कहा कि, ‘दक्षिण-पश्चिम मानसून रविवार को मालदीव के कुछ हिस्सों और कोमोरिन क्षेत्र और दक्षिण बंगाल की खाड़ी, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ गया है.’ वार्षिक बारिश घटना की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मई तक मानसून के केरल पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।

कब केरल पहुंचेगा मानसून

भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 150 सालों में केरल में मानसून की शुरुआत की तारीख में व्यापक रूप से भिन्नता रही है, सबसे पहले 1918 में केरल में 11 मई को मानसून ने दस्तक दी थी, जबकि सबसे देरी से 1972 में केरल में मानसून ने दस्तक दी. तब यहां 18 जून को मानसून पहुंचा था. मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले साल दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में 8 जून को पहुंचा था जबकि 2022 में मानसून ने 29 मई को दस्तक दी थी. जबकि 2021 में तीन जून को यहां मानसून पहुंचा था. जबकि 2020 में केरल में एक जून को मानसून ने दस्तक दी थी।

पिछले महीने आईएमडी ने की थी ये भविष्यवाणी

बता दें कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने पिछले महीने कहा का था कि अनुकूल ला नीना स्थितियों, भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के ठंडा होने, अगस्त-सितंबर तक आने की उम्मीद के साथ इस साल भारत में मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. बता दें कि ला नीना की स्थितियां भारत में अच्छे मानसून के मौसम में मदद करती हैं।

गर्मी से झुलस रहा उत्तर भारत

वहीं इनदिनों उत्तर भारत समेत देश के ज्यादातर  हिस्से में तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है. कई इलाकों में तापमान 47 डिग्री के पास पहुंच गया है. प्रचंड गर्मी से स्वास्थ्य और आजीविका पर गंभीर असर पड़ रहा है. इससे पहले अप्रैल में दक्षिणी भारत में लू का प्रकोप देखने को मिला. भीषण गर्मी की वजह से बिजली ग्रिडों पर दबाव पड़ रहा है. जल निकाय सूख रहे हैं जिससे देश के कुछ हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति पैदा होने लगी है. इसलिए, सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश की भविष्यवाणी देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है।