भारतीय टीम 11 साल का आईसीसी टूर्नामेंट का खिताबी सूखा खत्म करने से अब सिर्फ एक जीत दूर है। एक जीत टीम का 17 साल लंबा इंतजार खत्म कर देगी। वर्ष 2007 में धौनी की अगुवाई में भारत ने पहला टी-20 विश्व कप जीता था। दूसरी ओर, द. अफ्रीकी टीम भी पहली बार विश्व विजेता बनकर इतिहास रचने को बेकरार होगी। दोनों टीमों ने टूर्नामेंट में कोई मुकाबला नहीं गंवाया है। भारत ने आठ में से सात जीते हैं जबकि एक बारिश की भेंट चढ़ा। तो दक्षिण अफ्रीका आठ के आज जीतकर यहां तक पहुंची है।
टूर्नामेंट में भारत का अभियान पिछले साल घरेलू वनडे विश्व कप के समान ही रहा है, जहां वे फाइनल में पहुंचे थे लेकिन खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने उनसे बेहतर प्रदर्शन किया था। भारत यहां भी अब तक सर्वश्रेष्ठ टीम रहा है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार उनके सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती नहीं है। दक्षिण अफ्रीका की आईसीसी स्पर्धाओं में एकमात्र जीत 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी (तब इसका नाम आईसीसी नॉक-आउट ट्रॉफी था) में हुई थी। टीम चोकर्स के अपने तमगे को पीछे छोड़कर फाइनल में पहुंची है।
गयाना में सेमीफाइनल में भारत की इंग्लैंड पर जीत के बाद प्रशंसकों और विशेषज्ञों की भावनाओं को देखा जाए तो रोहित की टीम खिताब की प्रबल दावेदार होगी।
राहुल द्रविड़ का सपना साकार होगा
राहुल द्रविड़ का टीम के साथ कोच के रूप में आखिरी टूर्नामेंट है। वह भी चाहेंगे कि खिलाड़ी के रूप में विश्व कप जीतने की उनकी जो हसरत अधूरी रह गई थी वह पूरी हो जाए। पिछले साल 19 नवंबर को अहमदाबाद में एक लाख दर्शकों के सामने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे विश्व कप फाइनल हार से उनका यह सपना अधूरा रह गया था। वह और टीम भी चाहेगी इस बार उन्हें विश्व कप के साथ यादगार विदाई दी जाए। द्रविड़ ने 2007 के कैरेबियाई देशों में खेले गए वनडे विश्व कप में टीम की अगुआई की थी।