नीट यूजी परीक्षा 2024 के रिजल्ट पर चल रहे विवाद के बीच दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को फिर से परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं. हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दोबारा से परीक्षा केवल उन्हीं कैंडिडेट्स के लिए आयोजित की जाएगी, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. वहीं कोर्ट ने ये भी कहा कि दोबारा से परीक्षा में शामिल होने के लिए सभी कैंडिडेट्स आवेदन नहीं कर सकते हैं. बता दें कि सरकार ने कोर्ट को बताया था कि कुल 1563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं.
नीट यूजी परीक्षा 2024 के रिजल्ट पर चल रहे विवाद के बीच दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को फिर से परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं. हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दोबारा से परीक्षा केवल उन्हीं कैंडिडेट्स के लिए आयोजित की जाएगी, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. वहीं कोर्ट ने ये भी कहा कि दोबारा से परीक्षा में शामिल होने के लिए सभी कैंडिडेट्स आवेदन नहीं कर सकते हैं. बता दें कि सरकार ने कोर्ट को बताया था कि कुल 1563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम को सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि सभी 1563 अभ्यर्थियों के स्कोरकार्ड अब रद्द कर दिए जाएंगे और इन्हें दोबारा से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 23 जून को दोबारा से परीक्षा आयोजित करने के आदेश दिए. अब सवाल ये उठता है कि सरकार ने केवल 1563 अभ्यर्थियों को ही दोबारा से परीक्षा देने का विकल्प क्यों दिया, जबकि कई कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स नहीं मिले हैं?
क्या है छात्रों का आरोप?
कोटा के छात्र आयुष गर्ग के अनुसार उनके सेंटर पर परीक्षा 40 मिनट की देरी से हुई, लेकिन इसके लिए उन्हें ग्रेस मार्क्स नहीं दिए गए. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हरियाणा के झज्जर परीक्षा केंद्र पर भी तय समय से देरी से पेपर शुरू हुआ था और यहां भी कई छात्रों को ग्रेस मार्क्स नहीं दिए गए. वहीं एनटीए का कहना है कि जो छात्रों समय के नुकसान के कारण कोर्ट गए थे और एनटीए को शिकायत भेजी थी,उन्हीं को ग्रेस मार्क्स दिए हैं. वहीं बहुत से अभ्यर्थियों को यह पता ही नहीं था कि समय के नुकसान के लिए ग्रेस मार्क्स मिलता है और इन्होंने इसके लिए कोई शिकायत नहीं की. अब यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अब इन कैंडिडेट्स का क्या, जिन्हें ग्रेस मार्क्स मिले ही नहीं.
हो रही परीक्षा रद्द करने की मांग
नीट परीक्षा को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रोंं का कहना है कि सिर्फ 1563 को ही दोबारा के परीक्षा देने का विकल्प क्यों दिया जा रहा है, जबकि पेपर लीक हुआ था और इसे एनटीए स्वीकार नहीं कर रहा है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है बिहार के एक परीक्षा केंद्र से पेपर लिया हुआ था.
ऐसे में परीक्षा को रद्द कर दिया जाना चाहिए और नीट एग्जाम का आयोजन फिर से नए सिरे से किया जाना चाहिए. वहीं टीवी9 से बातचीत में डाॅ. राहुल ने कहा कि नीट विवाद का एक ही रास्ता है कि नीट परीक्षा दोबारा से आयोजित की जाएगी और पहले की परीक्षा में शामिल सभी कैंडिडेट्स री-एग्जाम में शामिल हों.