ठाकुरगंज (किशनगंज)। भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 41 बटालियन (रानीडांगा) स्पेशल नाका पार्टी सी कंपनी पानीटंकी के जवानों ने वन विभाग के साथ एक मणिपुर निवासी युवक को गैंडा के सींग के साथ गिरफ्तार करके वन विभाग के हवाले किया है। कार्रवाई भारत -नेपाल सीमा स्तंभ 87/4 बंगाल के हाथीधिसा टोल प्लाजा के समीप की गई है।आरोपी थोकचोम अजित कु सिंह मणिपुर निवासी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
वन विभाग ने संयुक्त अभियान चलाकर 1.25 किलो गैंडे का सींग बरामद किया। गिरफ्तार व्यक्ति का नाम अजीत कुमार सिंह है। पकड़ा गया आरोपी मणिपुर का निवासी है। उस व्यक्ति को नक्सलबाड़ी के सतभैया टोल प्लाजा पर गिरफ्तार किया गया और गैंडे का सींग बरामद किया गया। मालूम हो कि एसएसबी से सूचना मिलने के बाद एसएसबी 41 बटालियन और टुकरियाझार वन विभाग ने संयुक्त अभियान चलाया और यह सफलता हासिल की। बरामद गैंडे के सींग को परीक्षण के लिए जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को भेजा जाएगा। आरोपियों से पूछताछ के बाद इस घटना में कई अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं। आरोपियों को रिमांड पर लेकर इस गिरोह की तलाश शुरू की जाएगी।गैंडों के सींग की वजह से पिछले कुछ सालों में गैंडों की हत्याएं की गई है। वैसे गैंडों के सींग काटने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती है, ये शरीर के बाल या नाखून की तरह ही है, लेकिन सींग पाने के चक्कर में लोग इनकी हत्या कर देते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दशक में 100 से ज्यादा गैंडों की हत्या के मामले सामने आए हैं और हर साल अभी भी गैंडों की हत्याएं की जा रही हैं. इन हत्याओं को रोकने के लिए सरकार और कई अलग-अलग संगठनों की ओर से कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा एक वर्ग गैंडों के सींग के बिजनेस को लीगल करने की डिमांड भी कर रहा है।कितना महंगा होता है सींग?: ।अब जानते हैं कि आखिर सींग कितना महंगा है, जिस वजह से गैर-कानूनी रूप से लोग इसे खरीदने-बेचने का काम करते हैं. अगर इसकी कीमत की बात करें तो कई रिपोर्ट्स के अनुसार इसे एक लाख डॉलर प्रति किलो के हिसाब से भी बेचा जा रहा है. मतलब सींग को करीब 80 लाख रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है। अगर सींग का वजन ज्यादा है तो एक सींग की कीमत 1 करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है।
क्यों महंगा होता है सींग? अब आपको बताते हैं कि आखिर ये सींग इतना महंगा क्यों होता है. दरअसल, हाथी के दांत तो लग्जरी की वजह से महंगे होते हैं, लेकिन गैंडे के सींग की कहानी कुछ और है। गैंडे के सींग में केराटिन होता है और केराटिन की वजह से इसे काफी महंगा बेचा जाता है। केराटिन का अलग अलग चीजों में इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें दवाइयां भी शामिल हैं।