नालंदा: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कोलकाता टीम ने गुरुवार को बिहारशरीफ में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। कार्रवाई क्रिप्टो करेंसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में की गई, जिसमें ‘फायविन’ नामक गेमिंग एप का इस्तेमाल किया जा रहा था। ईडी की टीम ने खांची गली, अंबेर नईसराय, गढ़पर, अस्पताल चौक और बड़ी पहाड़ी मोहल्ले में छापेमारी की। इस दौरान टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, लैपटॉप और कंप्यूटर के हार्ड डिस्क जब्त किए। हालांकि, अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
नगर थानाध्यक्ष रमाशंकर सिंह ने छापेमारी की पुष्टि करते हुए बताया कि एक स्थानीय अधिवक्ता के यहां भी जांच की गई है। उन्होंने कहा कि छापेमारी इतने गोपनीय तरीके से की गई कि किसी को भनक तक नहीं लगी। जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, यह मामला एक बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट से जुड़ा हुआ है। इस रैकेट में क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से गेमिंग एप से कमाए गए करोड़ों रुपये विदेशों में भेजे जा रहे थे। चीन के नागरिकों के इस रैकेट में शामिल होने की भी आशंका जताई जा रही है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बिहारशरीफ में शेयर मार्केटिंग के नाम पर युवाओं को क्रिप्टो करेंसी में निवेश का लालच देकर प्रशिक्षण दिया जा रहा था। कई रसूखदार व्यक्तियों के इस ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से मोटी रकम कमाने की बात सामने आई है। ‘फायविन’ एप एक ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म है जहां उपयोगकर्ता रंगों का अनुमान लगाकर पैसे जीत सकते हैं। सही अनुमान पर दोगुने से लेकर 36 गुना तक का इनाम मिलने का दावा किया जाता है। हालांकि, इस तरह के एप्स में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का जोखिम बहुत अधिक होता है।
ईडी की यह कार्रवाई क्रिप्टो करेंसी के अवैध उपयोग और ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी पर एक बड़ा प्रहार है। क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की डिजिटल मुद्रा है जो किसी भी केंद्रीय बैंक या सरकारी संस्था के नियंत्रण में नहीं होती। यह विकेंद्रीकृत तरीके से चलती है, यानी इसे कोई एक इकाई नियंत्रित नहीं करती। बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती हैं।