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नीट पेपर लीक मामले का सेटर रॉकी पटना से गिरफ्तार

नीट यूजी पेपर लीक मामले में सीबीआई ने सेटर गिरोह के बेहद महत्वपूर्ण सूत्रधार रॉकी उर्फ राकेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उसे गुरुवार सुबह पटना में बाइपास इलाके से उस समय दबोचा गया, जब वह बस से नेपाल से आया था और रांची भागने की फिराक में था। उसके पास से मोबाइल फोन के अलावा एटीएम कार्ड, आधार कार्ड समेत कुछ अन्य दस्तावेज मिले हैं। मोबाइल समेत अन्य सभी दस्तावेजों की जांच चल रही है। इनसे कुछ अहम सुराग मिल सकते हैं।

सीबीआई ने गिरफ्तार करने के बाद रॉकी को पटना स्थित विशेष न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 10 दिन के रिमांड पर सीबीआई को सौंप दिया गया। रॉकी से पूछताछ में संजीव मुखिया के अलावा अतुल वत्स, अंशुल सिंह समेत अन्य बड़े सेटरों के साथ ही बिहार के बाहर से जुड़े कनेक्शन का खासतौर से पता चल सकता है। संजीव समेत अन्य की गिरफ्तारी को लेकर अहम सुराग मिल सकते हैं। इसे प्रश्नपत्र कहां से, किस माध्यम से और किसने दिया जैसे कई अहम प्रश्नों के उत्तर मिल सकते हैं। प्रश्नपत्र को किसने कहां हल कराया है, इसका खुलासा भी रॉकी कर सकता है।

रॉकी मुख्य सेटरों में एक संजीव मुखिया का बेहद करीबी माना जाता है। यह भी जानकारी मिली है कि भागने के बाद दोनों नेपाल में साथ-साथ रुके थे। यह मुखिया को अपना मुंह बोला मामा भी कहता है। हालांकि इन दोनों में सीधे तौर पर कोई रिश्तेदारी नहींहै। संजीव मुखिया के भांजी का पति चिंटू है।

नालंदा का रहने वाला है रॉकी

रॉकी की निशानदेही पर सीबीआई की टीम ने कोलकाता के पटना, दानापुर समेत चार स्थानों पर छापेमारी की। इन स्थानों पर रॉकी और इसकी सेटिंग गैंग से जुड़े लोगों के ठिकाने हैं। इन स्थानों से तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज भी मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है। रॉकी रांची में रहता है और वहां रेस्टोरेंट चलाता है। वह मूल रूप से नालंदा के हिलसा के गजेंद्र बिगहा गांव का रहने वाला है, लेकिन उसका परिवार नवादा स्थित घर में रहता है।

रॉकी ने ही भेजा था प्रश्नपत्र और उत्तर

रॉकी ने ही नीट के प्रश्नपत्र को उत्तर के साथ पीडीएफ के रूप में चिंटू के व्हाट्सएप पर भेजा था। चिंटू ने ही 4 मई की रात को पटना के खेमनीचक इलाके में मौजूद निजी स्कूल प्ले एंड लर्न में करीब 35 छात्रों को रुकवाकर उत्तर रटवाया था। अगले दिन इसी स्थान पर छापेमारी के दौरान पुलिस को जले प्रश्नपत्र का हिस्सा मिला था। इसके आधार पर ही आगे चलकर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच में यह साबित हुआ कि प्रश्नपत्र लीक हुआ था। इसे हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से निकाला गया था। सीबीआई ने इस स्कूल के प्राचार्य, उप-प्राचार्य समेत अन्य को गिरफ्तार कर रिमांड पर लेकर करीब 10 दिनों तक पूछताछ की है।

एडवांस तकनीक का प्रयोग कर लगाया पता

सीबीआई ने रॉकी को पकड़ने के लिए मोबाइल लोकेशन के अलावा कुछ अन्य आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया है, जिससे इसका पता लगाने और इसे गिरफ्तार करने में काफी मदद मिली है। सूत्रों के मुताबिक, आधुनिक तकनीक के रूप में सेटेलाइट मॉनीटरिंग सिस्टम की मदद से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या सर्चिंग को ट्रैक कर इसका पता किया गया है। यह तकनीक थोड़ी जटिल है। अभी इसका प्रयोग सीबीआई जैसी बड़ी जांच एजेंसी कुछ बड़े शातिरों को पकड़ने में करती है। इसके अलावा एक दिन पहले पटना से गिरफ्तार सन्नी और कुमार रंजीत से पूछताछ में भी इससे जुड़े कई अहम सुराग मिले थे।


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Kumar Aditya

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