नीट पेपर लीक मामले में धनबाद से अमन गिरफ्तार
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने तीसरी गिरफ्तारी धनबाद से की है। अमन सिंह नाम के व्यक्ति को सीबीआई की विशेष जांच टीम ने बुधवार की देर शाम को धनबाद के एक पॉश इलाके से गिरफ्तार किया है।जानकारी के अनुसार, अमन नीट पेपर लीक के मुख्य साजिशकर्ताओं में एक है। इसे रॉकी का करीबी भी बताया जा रहा है। इससे पेपर लीक से जुड़े कई अहम बातों के बारे में जानकारी मिलेगी। गिरफ्तारी के बाद इसे रांची स्थित सीबीआई के विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके बाद इसे पटना स्थित सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए लाया जाएगा या नहीं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि नीट पेपर लीक के मामले में सीबीआई के स्तर से बिहार और झारखंड में अमन सिंह की गिरफ्तारी तीसरी है। इस मामले में सबसे पहली गिरफ्तारी पटना में मनीष और आशुतोष की हुई थी। इसके बाद हजारीबाग से 10 संदिग्धों की गिरफ्तारी की गई थी, जिनमें ओएसिस स्कूल का प्राचार्य एहसान उल हक, उप-प्राचार्य इम्तियाज और जमालुद्दीन शामिल है। इन तीनों को ट्रांजिट रिमांड पर पूछताछ करने के लिए केंद्रीय जांच टीम रांची से लेकर पटना आई हुई है। प्राचार्य समेत इन तीनों से पूछताछ में ही अमन के बारे में अहम सुराग मिला, जिसके बाद इसकी गिरफ्तारी की गई है।
सॉल्वर ने कोर्ट में दी अर्जी
मुजफ्फरपुर। नीट में साल्वर गैंग की जांच कर रही पुलिस वारंट का इंतजार करती रही और जोधपर एम्स का सॉल्वर छात्र हुकमा राम ने अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल कर दी।राजस्थान के बाड़मेर निवासी हुकमा राम की अग्रिम जमानत की अर्जी जिला जज के कोर्ट में डाली गई है।इसपर गुरुवार को न्यायालय में सुनवाई होगी।
मिठनपुरा थाने के आईओ मिथुन कुमार ने एक सप्ताह पहले कोर्ट में हुकमा राम और राज पांडेय की गिरफ्तारी के लिए आवेदन दिया था। इसी बीच आरोपित हुकमा राम ने मुजफ्फरपुर पहुंचकर अपने वकील से संपर्क किया और अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की। हुकमा राम ने राज पांडेय की जगह सॉल्वर के रूप में मिठनपुरा थाने के मालीघाट स्थित डीएवी सेंटर पर नीट की परीक्षा दी थी। सेंटर पर पकड़े जाने के बावजूद हुकमा राम आसानी से छूट गया। अगले दिन मिठनपुरा थाने में नीट फर्जीवाड़े को लेकर एफआईआर दर्ज की गई। इधर, दूसरे की जगह परीक्षा देते हुए धराने के बाद हुकमा राम के सेंटर से छूटने में पुलिस अधिकारियों को कोई साक्ष्य नहीं मिल सका है। सिटी एसपी को सेंटर अधीक्षक द्वारा हुकमा राम को छोड़ने का साक्ष्य सीसीटीवी फुटेज में नहीं मिला है। मौजूद पुलिस कर्मी भी दोषी नहीं पाए गए हैं। इस तरह यह रहस्य बरकरार है कि हुकमा राम सेंटर से किस तरह छूट गया।
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