राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि नीट में दिए ग्रेस मार्क्स की समीक्षा की जा रही है। एनटीए ने स्पष्ट किया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा की पवित्रता से समझौता नहीं किया गया है और कोई पेपर लीक नहीं हुआ है।
एनटीए महानिदेशक ने बताया कि नीट-यूजी में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले 63 मामले सामने आए हैं। इनमें से 23 को अलग-अलग अवधि के लिए परीक्षा से वंचित कर दिया गया है। शेष 40 उम्मीदवारों के नतीजे रोक दिए गए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि पैनल की सिफारिशों पर 12 उम्मीदवारों को तीन साल के लिए परीक्षा देने से रोक दिया गया है। इनमें नौ उम्मीदवारों को दो वर्ष और दो उम्मीदवारों को एक-एक वर्ष और शेष उम्मीदवारों के परिणाम रोक दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अनुचित साधनों के उपयोग के मामलों की संख्या 63 थी।
एनटीए महानिदेशक ने कहा कि जांच पैनल ने अभी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। उसकी सिफारिशों के आधार पर या तो 1,600 छात्रों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की जाएगी या किसी भी उम्मीदवार को कोई नुकसान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक तंत्र तैयार किया जा सकता है।
एनटीए के अनुसार, 720 अंक पाने वाले 67 में से 44 उम्मीदवारों को भौतिकी की उत्तर कुंजी में संशोधन और छह को समय की हानि के कारण अंक मिले। सिर्फ दो अभ्यर्थियों को अनुग्रह अंक (718 और 719) मिले।
अनुग्रह अंक के खिलाफ कोर्ट में एक और अर्जी
नीट के परिणाम में व्याप्त कथित अनियमितताओं के बीच एक कोचिंग संस्थान ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐडटेक ‘फिजिक्स वाला’ के नाम से संचालित कोचिंग संस्थान ने उच्चतम न्यायालय में एनटीए द्वारा 1500 से अधिक छात्रों को अनुग्रह अंक (ग्रेस मार्क्स) दिए जाने को चुनौती दी है।