‘नेहरू, इंदिरा, राजीव ने बदला संविधान …; बोले PM मोदी- राहुल ने बाबा साहब की पीठ में भोंका छुरा

Narendra Modi Loksabha

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों के बिहार दौरे पर आए हुए हैं। पीएम सबसे पहले पटना में रोड शो किया। उसके बाद राजभवन में रात्रि विश्राम करने के बाद सोमवार की सुबह -सुबह राजधानी वाटिका पहुंचे। इस दौरान एक टीवी चैनल से उन्होंने बातचीत करते हुए संविधान बदलने के आरोपों पर भी पलटवार किया है। पीएम ने साफ़ लहजे में कहा कि हम संविधान नहीं बदल रहे बल्कि संविधान के साथ धोखा तो कांग्रेस और गांधी परिवार ने किया है। सबसे पहले पंडित नेहरू ने ही संविधान को बदला था।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के प्रचार में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को संविधान के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा घेरा जा रहा है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी फिर सत्ता में आई और 400 सीटें आईं तो वह संविधान बदल देगी। इसके बाद पीएम मोदी ने इन आरोपों पर पलटवार किया है। पीएम मोदी ने कहा कि संविधान के साथ धोखा इस परिवार (गांधी परिवार) ने किया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले नेहरू ने संविधान में संसोधन किया था। उसके बाद इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया। उसके बाद राजीव जी ने मीडिया के लिए नियम लाने की कोशिश की। फिर शहजादे (राहुल गांधी) ने कैबिनेट की कॉपी फाड़ डाली।

पीएम मोदी ने कहा कि संविधान बनने के बाद सबसे पहले संविधान बदला पंडित नेहरू ने। पंडित नेहरू ने सबसे पहले संविधान संशोधन किया और फ्रीडम ऑफ स्पीच को रीस्ट्रिक्ट कर दिया। पीएम ने कहा कि फिर उनकी बेटी आईं इंदिरा गांधी। इंदिरा ने इमरजेंसी लगा दिया। कोर्ट के जजमेंट को नकार दिया। उनका चुनाव रद्द हो चुका था। संविधान के साथ धोखा उन्होंने (इंदिरा ने) किया।

इसके आगे मोदी ने कहा कि जब देश के अंदर राजीव गाँधी की सरकार थी तब उन्होंने मीडिया पर अपना कब्ज़ा ज़माने के लिए एक नया बिल संसद में लाया। लेकिन जब यह बात विपक्ष और मीडिया को मालूम हुआ तो दोनों ने जमकर हंगामा किया जिसके बाद मजबूरन उन्हें रुकना पड़ा। हालांकि इसके बाद भी वह संविधान की मूल भावनाओं की खिलाफत करने लगे।

इसके आगे पीएम ने संविधान पर अपनी बात को रखते हुए कहा कि सरकार संविधान की कोख से निकली हुई होती है। किसी भी सरकार की कैबिनेट हवा में नहीं होती, बल्कि यह संविधान के अनुसार ही होती है। ऐसे में कैबिनेट में जो निर्णय लिए जाते हैं वह भी संविधान के अनुसार होते हैं। इसके बाद भी शहजादे (राहुल गांधी ) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर मनमोहन सिंह की उस कैबिनेट के निर्णय पर क्या किया?

पीएम ने कहा कि राहुल गांधी कागज नहीं फाड़ रहे थे, वह भारत के संविधान के टुकड़े कर रहे थे। वह बाबा साहब की पीठ में छुरा भोंक रहे थे। वह संविधान निर्माताओं की भावनाओं को चूर-चूर कर रहे थे। उनके परिवार के हर मुखिया ने संविधान के साथ यह बदतमीजी की है। उनका संविधान शब्द बोलना भी पाप लगता है।

इसके अलावा पीएम मोदी ने काफी सख्त लहजे में आरक्षण को लेकर कहा कि जहां तक भारतीय जनता पार्टी का सवाल है, हम धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देंगे। और न ही होने देंगे। इस देश में एससी, एसटी, ओबीसी को आरक्षण दिया गया है। इसलिए कोई भी बदलाव हम संविधान की मूल भवानाओं के खिलाफ नहीं होने देंगे। संविधान की भावना थी कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं मिले तो फिर किसी भी हाल में यह नहीं होगा।

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