सोमवार की आधी रात, तकरीबन 12 बज रहे थे। नारोमुरार गांव से बाहर गणेश नगर श्मशान घाट अपने शहीद बेटे के इंतजार में भाव विह्वल हो रहा था।
मानों अब रो पड़े, लेकिन श्मशान घाट की धरती भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही थी। कुछ अधिकारी व पुलिसकर्मी वहां से पहले से मौजूद थे। फिर सवा 12 बजते ही धीरे-धीरे बोझिल कदमों के साथ लोग पहुंचने लगे। चंद मिनटों में वाहनों के काफिले के साथ सेना के अधिकारी पार्थिव शरीर लेकर वहां पहुंच गए। फिर सेना की ओर से अंतिम विदाई से संबंधित कार्यक्रम शुरू हो गया।
तकरीबन पौन घंटे तक यह कार्यक्रम चला। रात 2 बजकर 06 मिनट पर मुखाग्नि दी गई।आतंकी हमले में वीरगति प्राप्त आर्मी जवान चंदन कुमार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सेना के अधिकारी मेजर जनरल विकाश अग्रवाल, प्रभारी डीएम सह डीडीसी दीपक कुमार मिश्रा, एसपी अम्बरीष राहुल ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सेना की टुकड़ी ने मातमी धुन के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया। नारोमुरार गांव के बाहर गणेश नगर स्थित श्मशान घाट पर चंदन का पार्थिव चिता पर लिटाया गया। जैसे ही उनके छोटे भाई अभिनंदन ने मुखाग्नि दी, सेना के जवानों ने फायरिंग कर अपने शहीद साथी चंदन को अंतिम विदाई दी।
यह पल काफी भावुक करने वाला और दिल झकझोरने वाला था।
भारत माता की जयकारों के बीच भावभीनी विदाई दी गई। हर किसी की आंखें नम हो गईं। गांव की मिट्टी में ही चंदन पंचतत्व में विलीन हो गए। इससे पहले सेना की टुकड़ी ने मातमी धुन बजाया, लोग भाव विह्वल हो उठे। इस मार्मिक दृश्य से मातम तो झलक ही रहा था, लोग गर्व भी महसूस कर रहे थे। मुखाग्नि से पहले सेना के जवानों ने पार्थिव शरीर से लिपटे तिरंगे को शहीद के पिता मौलेश्वर सिंह को सौंपा। वहीं घर में जाकर लेफ्टिनेंट कर्नल एसबी सिंह ने शहीद से संबंधित फोटो की एक सीडी परिजनों को सौंपी। हृदयविदारक दृश्य के दौरान बडी संख्या में लोग उपस्थित रहे। मौके पर सदर एसडीओ अखिलेश कुमार, पकरीबरावां एसडीपीओ महेश चौधरी, वारिसलीगंज बीडीओ पंकज कुमार, सीओ प्रेम प्रकाश, थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा समेत कई अधिकारी व पुलिस कर्मी मौजूद रहे।