सहरसा के सदर थाने में आज एक ठगी का मामला सामने आया है। पटना के आईजीआईएमएस अस्पताल में नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवक से 1 लाख 40 हजार रूपये की ठगी की गयी। दरअसल पीड़ित से ट्रेन में एक युवक से मुलाकात हुई थी तब वो खुद को पटना के आईजीएमएस का ओटी असिस्टेंट बताया था। फिर दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गयी। फिर दोनों ने एक दूसरे का मोबाइल नंबर लिया और संपर्क में दोनों बना रहा। इसी दौरान पारिवारिक मजबूरी और पिता के इलाज के नाम पर चार दफे वह कुल 1 लाख 40 हजार रुपए ठग लिया। जब पीड़ित ने पैसे मांगे तो उसने आईजीएमएस में नौकरी लगाने का भरोसा दिया।
नौकरी की लालच में वो पैसा नहीं मांग रहा था लेकिन जब नौकरी नहीं लगी तब उसने पैसे की मांग की तो पैसे देने की बात पर वो भड़क गया और पीड़ित को गाली-गलौज करने लगा। जिसकी शिकायत पीड़ित ने थाने में दर्ज करायी है। यह ऐसा ठग निकला जो पहले ट्रेन में दोस्ती की फिर पारिवारिक परेशानी बताकर रुपए ऐंठ लिये उसके बाद खुद को आईजीएमएस में ओटी असिस्टेंट बता आईजीएमएस में भर्ती निकलने की जानकारी दी और नौकरी दिलाने के नाम पर रुपए को वापस नहीं किया। जब नौकरी नहीं मिली तो रुपए वापस मांगे गए। जिसके बाद गाली-गलौज की गई। जिसको लेकर सदर थाना में मामला दर्ज किया गया है।
मधेपुरा जिले के चौसा थाना क्षेत्र अंतर्गत चिरोड़ी गांव निवासी राजकिशोर पासवान के पुत्र सुमन कुमार ने बताया कि वे फिलहाल सदर थाना क्षेत्र के खंतर चौक निवासी अशोक चौधरी के मकान में किराए पर रूम लेकर रहते हैं। बीते साल 2023 के 23 सितंबर को वे पटना से सहरसा आने के दौरान ट्रेन में ही उनके बगल में बैठे सहरसा जिले के बैजनाथपुर थाना क्षेत्र के धनछोआ गांव निवासी साजन सिंह के पुत्र प्रशांत कुमार से उनकी बातचीत शुरू हुई। बातचीत के दौरान प्रशांत ने खुद को पटना स्थित आईजीएमएस में ओटी असिस्टेंट के पद पर नियुक्त होने की जानकारी दी। जिससे दोनों के बीच गाढ़ी मित्रता हुई। इस दौरान मोबाइल नंबर का भी आदान प्रदान हुआ। जिसके बाद दोनों के बीच लगातार बातचीत होने लगी।=उन्होंने आगे बताया कि फिर अचानक बीते 15 मार्च को प्रशांत ने अपने पिता के बीमार होने की जानकारी देकर उनसे इलाज के नाम पर आर्थिक मदद मांगी।
ऐसे में उन्होंने फोन पे के माध्यम से प्रशांत के बैंक खाता संख्या – 698902010008805 पर 15 मार्च को ही पहले 70 हजार और फिर 50 हजार रुपए भेज दी। फिर बीते 23 मार्च को प्रशांत ने उन्हें फोन किया। इलाज में और खर्च होने का बहाना बना कर 10 हजार रुपए मांगे। उन्होंने उक्त रकम भी उनके खाते में भेज दिया। जिसके बाद फिर 25 मार्च को प्रशांत के फोन आने और पैसे की मांग के बाद उक्त खाते में ही उन्होंने 10 हजार रुपए भेज दिया। इस प्रकार उन्होंने प्रशांत के उक्त बैंक खाते में कुल 1 लाख 40 हजार रुपए की रकम भेज दी थी। आगे उन्होंने बताया कि इसके बाद वे कुछ दिन बाद रुपए वापस कर देने की मांग करने लगे। उन्होंने प्रशांत के मोबाइल नंबर 7970789205 पर बात किया। तो प्रशांत ने उन्हें आईजीआईएमएस में भर्ती के लिए वैकेंसी निकलने की जानकारी दी। उनको उसमें नौकरी दिला देने का भरोसा दिया। लेकिन समय बितता गया। उन्हें न तो नौकरी मिली और न ही रुपए ही वापस मिले। जिसके बाद उन्होंने रुपए वापस करने की मांग को बढ़ा दिया। रुपए मांगने पर फोन पर उन्हें गाली गलौज दी गई।