पटना में तीन जगह दबिश, कोटक महिंद्रा बैंक धांधली में ईडी छापे
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोटक महिंद्रा बैंक में सरकारी बैंक खातों से फर्जी निकासी के मामले में पटना के तीन स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान पटना के एग्जीबिशन रोड स्थित इस बैंक की शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुमीत कुमार के भाई सौरभ कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार को इन्हें 12 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस दौरान ईडी इन्हें रिमांड पर लेकर कई पहलुओं पर पूछताछ करेगी, जिसमें कई अहम खुलासा होने की उम्मीद है। इस मामले में गिरफ्तार होने वाला सौरभ पांचवां मुख्य आरोपित है।
ईडी ने एग्जीबिशन रोड, डाकबंगला चौराहा और फ्रेजर रोड में मौजूद एक दुकान और दो फ्लैटों की सघन तलाशी भी ली। इसमें एग्जीबिशन रोड में मौजूद एक फ्लैट सौरभ का बताया जा रहा है। इन सभी स्थानों से बड़ी संख्या में कई अहम कागजात, कैश, मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य सामान जब्त किए गए हैं। फिलहाल इनकी जांच चल रही है। कैश कितना जब्त हुआ है, अभी ईडी ने इसका खुलासा नहीं किया है। परंतु इसके लाखों में होने की आशंका जताई जा रही है। इस मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है।
कोटक महिंद्रा बैंक की बोरिंग रोड शाखा के मैनेजर सुमित कुमार पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। इसे ही आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच प्रारंभ की थी। जांच में यह बात सामने आई कि भूमि अधिग्रहण के सक्षम प्राधिकार सह जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के सरकारी बैंक खातों से 31 करोड़ 93 लाख रुपये के 13 फर्जी लेन-देन किए गए थे। फर्जी चेक के आधार पर सरकारी राशि हड़पने की साजिश की गई थी। इन सभी लेन-देन को करने के लिए विभिन्न फर्जी संस्थाओं के बैंक खातों का उपयोग किया गया था। सरकारी धन की इस हेराफेरी में तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुमित कुमार के अलावा उनके अन्य सहयोगी भी शामिल थे। सुमित कुमार ने पत्नी के नाम पर मौजूद बैंक खातों से करोड़ों रुपये ट्रांसफर कर दिए थे, जो उनकी वास्तविक आय के स्रोत से कहीं अधिक थे।बैंक मैनेजर सुमीत कुमार को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इस मामले के मुख्य अभियुक्तों में शामिल हिमांशु किशोर भाई त्रिवेदी, मन्नु सिंह और शशिकांत कुमार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। दिसंबर 2023 में हिमांशु को रिमांड पर लेकर ईडी ने पूछताछ की थी। इस दौरान ही सौरभ का नाम मुख्य रूप से सामने आया था। इसके बाद जांच एजेंसी के स्तर से यह कार्रवाई की गई है। इस मामले में अभी कुछ अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी होने की संभावना है।
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