पटना मेट्रो रेल परियोजना का काम शहर में तेजी से चल रहा है. इस बीच कई जगहों पर बाधा भी उत्पन्न हुई है जिसको लेकर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह काफी सख्त दिख रहे हैं. पटना-गया रोड में पटना मेट्रो रेल डिपो के लिए अर्जित 37 मकान में से 33 मकान अभी भी ध्वस्त नहीं किए गए हैं. इसको लेकर डीएम ने भू अर्जन पदाधिकारी और मेट्रो के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर इन 33 मकानों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है. मंगलवार (02 जुलाई) को पटना के डीएम ने बैठक की हैदरअसल पटना-गया रोड में मेट्रो रेल डिपो के लिए 37 मकान बाधक बन रहे थे. इनमें से चार मकानों को पहले ही तोड़ दिया गया है. मकान मालिकों के हंगामा के चलते अभी तक 33 मकान बचे हुए हैं जिन्हें तोड़ा जाना है. मकान मालिकों का कहना है कि उन लोगों की मांग है कि जो मकान तोड़ने हैं उन्हें पहले विस्थापित किया जाए उसके बाद तोड़ा जाए.
कई लोगों को नहीं मिला अब तक मुआवजा
उधर पहले जो चार मकान टूटे हैं उनमें एक मकान मालिक को मुआवजा मिला है जबकि दो मकान वालों को अप्लाई के चार महीने बाद भी मुआवजा नहीं मिला है. एक मकान मालिक ने कोर्ट का शरण लिया है. जो 33 मकान तोड़े जाने हैं उनमें से 27 लोगों ने मुआवजे के लिए आवेदन दिया है लेकिन अब तक नहीं मिला है. वहीं छह मकान मालिक विस्थापन के लिए अड़े हुए हैं. एक मकान मालिक अरुण कुमार ने बताया कि हम लोग इसके लिए हाई कोर्ट में गए हैं. आदेश हुआ है कि मकान मालिकों को विस्थापित किया जाए इसलिए सबसे पहले विस्थापित करना होगा उसके बाद ही मकान को तोड़ने देंगे..
पीएमसीएच के पास चार दुकानों को भी तोड़ने का आदेश
वहीं पटना-गया रोड के अलावा पीएमसीएच के पास मेट्रो रेल लाइन परियोजना में बाधक बन रही चार दवा दुकानें भी हटाई जाएंगी. तोड़ने का आदेश दे दिया गया है. इसके साथ ही वहीं पर राधा कृष्ण मंदिर जो मेट्रो लाइन में बाधक बना है उसे भी विस्थापित करने का आदेश दिया गया है.