पत्नी ने कहा- नामर्द हो तुम, पति ने खाया जहर, पंचायत ने भी बिना मेडिकल रिपोर्ट के नामर्द मानकर लगाया 80 हज़ार जुर्माना, अस्पताल में चल रहा इलाज
भागलपुर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है समाज के ताने से तंग आकर चंपानगर स्थित वार्ड तीन के एक युवक (पेशे से दर्जी) ने खुदकुशी की काेशिश की इसके बाद उसे स्थानीय लाेगाें ने मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका इलाज चल रहा है नरगा इलाके के रहनेवाले युवक की शादी तीन माह पूर्व पांच मई काे चंपानगर के एक युवती से हुई थी शादी के सप्ताह भर बाद दुल्हन ने अपनी मां काे काॅल कर बताया कि उसका पति नपुंसक है इसके बाद लड़की वालाें ने लड़के वालाें से बात की कहा डाॅक्टरी इलाज करवाइए इसके बाद लड़की काे फिर समझा-बुझा कर पति के साथ ससुराल भेज दिया लेकिन बात बनने के बजाय बिगड़ गई इसके बाद समाज की और से 7 जून व दूसरी पंचायत 22 जून काे हुई पंचायती में लड़की की शिकायत पर दहेज का 80 हजार रुपए वापस करने व लड़की काे दिए जेवरात जमा करने का फरमान पंचायत ने सुना दिया.
इस पर युवक ने दाे दिन का समय मांगा,कहा डाॅक्टरी इलाज करवाकर बताएंगे कि हम नामर्द हैं या नहीं पंचायत करनेवाले व्यक्ति ने उसे समय दे दिया पर वह दाेबारा आया ही नहीं इस बीच उसने शहर के एक चिकित्सक से जांच करवाया ताे डाॅक्टर ने कहा कि नामर्द नहीं, उसमें कमजाेरी है दवा से ठीक हाे जाएगा जब वह रिपाेर्ट लेकर आया ताे लाेगाें के ताने से तंग आकर रिपाेर्ट दिखाने लगा लेकिन लाेग उसे कहने लगे कि तुम झूठी रिपाेर्ट लेकर घूम रहे हाे,इसे लेकर पंचायती हाेनी थी लेकिन लगातार पड़ रहे ताने से तंग आकर उसने गुरुवार काे घर में रखा कपड़ा धाेनेवाला वाॅशिंग पाउडर व अन्य सामान मिलाकर पी लिया जब उसे उल्टी हाेने लगी ताे उसकी बहन ने शाेर मचाया और आसपास के लाेगाें ने अस्पताल में भर्ती करवाया पत्नी की शिकायत से बड़ा प्रमाण क्या हाेगा – वहीं, पंचायत करनेवाली टीम के सदस्य ने बताया कि हमलाेग फैसला सुनाने वाले काैन हाेते हैं वह ताे लड़की ने शिकायत किया ताे हमलाेगाें का दायित्व है कि निदान करवाना पत्नी की शिकायत से बड़ा प्रमाण क्या हाेगा सालाें से हमलाेग समाज में इस तरह की पंचायती करते आ रहे हैं लड़की का भाई बेहद गरीब है,मजदूरी करके उसने बहन की शादी में 80 हजार दहेज दिया था, शादी का खर्च अलग से किया था जब उसकी बहन अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती है ताे दहेज का रुपया व जेवर वापस करने की मांग उसने की है, इसमें गलत क्या है.
पीड़ित युवक मोहम्मद मुसम्मिल ने बताया कि इसी साल 5 मई को हमारी शादी हुई,कुछ हफ्तों तक हम लोग अच्छे से साथ रहे लेकिन फिर अचानक पंचायत से शिकायत आती है कि तुम्हारी बीवी तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहती तुम नामर्द हो तुम्हें उसका साथ छोड़ना होगा साथ ही तुम्हें जेवरात और पैसे लाकर देने होंगे पंचायत के लोग बिना मेडिकल रिपोर्ट के मुझे नामर्द साबित कर दिए जिस वजह से मुझे समाज से तने मिल रहे थे फिर मैंने जहर खा लिया पंचायत में केवल चार लोगों ने मिलकर ऐसा काम किया है जबकि पंचायत मेरी मर्जी से नहीं लगाई गई मैं जहां भी जाता था लोग मेरा मजाक उड़ाते थे पंचायत के फैसले के बाद मारपीट की नौबत आ गई फिर मैं मारपीट न हो इस वजह से ही खुद को खत्म करने का फैसला लिया वहीं युवक की बहन गुलबसा ने बताया कि मेरे भाई के साथ पंचायत में बहुत बड़ा खेल खेला गया जिस वजह से या सुसाइड करने लगा, उसे पूरे मोहल्ले में नपुंसक साबित कर दिया गया जिस वजह से शर्म से वह कहीं नहीं जाता आता था पंचायत कहता है कि तुम जमीन बेचो चाहे जो भी करो तुम्हें पैसे और जेवरात लौटाने होंगे जबकि मेडिकल रिपोर्ट में यह आया है कि मेरा भाई नपुंसक नहीं है, अब हम लोगों को इंसाफ चाहिए.