मोतिहारी पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह ने बिहार में बढ़ते अपराध पर चिंता जताई है। उन्होंने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि बिहार के अपराधियों में जो खौफ 2005 और 2010 में था वह अब नहीं है। सरकार द्वारा हर तरह के संसाधन उपलब्ध कराने के बावजूद पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है।
आरसीपी सिंह ने कहा कि साल 2005 और 2010 में जिस प्रकार से बिहार में कानून का राज स्थापित हुआ था, अपराधी कानून से डरते थे और इसका जो बिहार में एक मॉडल बना था स्पीडी ट्रायल का उसका एक प्रभाव देखने को मिला था। अपराधियों में कानून का खौफ होना चाहिए, अगर हमने अपराध किया है और हमारे खिलाफ सबूत हैं तो हम बचने वाले नहीं हैं, ऐसा भाव अपराधियों के मन में होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 2005 में जब पहली बार नीतीश सरकार सत्ता में आई तो एक लाख अपराधियों को स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलाई गई। 2005 और 2010 में राज्य में वही कानून था जो अब है। 2005 और 2010 से अधिक बिहार सरकार ने पुलिस को मदद किया है। पुलिस को बेहतर गाड़ियां दी, बेहतर थाना भवन दिया, बेहतर हथियार और बेहतर वेतन दिया। ऐसे में पुलिस को तो और भी बेहतर काम करना चाहिए।
वहीं सम्राट चौधरी पगड़ी उतारने के सवाल पर आरसीपी ने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल होता है। एक समय था जब सम्राट चौधरी ने अपनी बात रखी थी। समय बदला और राजनीति में बदलाव हुआ। राजनीति में कोई परमानेंट दुश्मन नहीं होता है। सम्राट चौधरी जब नीतीश कुमार को बोल रहे थे, उस समय दोनों अलग थे और अब परिस्थित ऐसी बनी की दोनों अब एक साथ हैं।