पहाड़ से मैदान तक भारी वर्षा का अलर्ट जारी, आज जमकर बरसेगा मानसून
देश के कई हिस्सों में झमाझम वर्षा के बाद धीमे पड़ गए मानसून के फिर जोर पकड़ने की संभावना बढ़ गई है। मौसम विभाग ने पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों तक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। दिल्ली-एनसीआर के साथ ही हरियाणा, चंडीगढ़ के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई अन्य हिस्सों में भारी वर्षा का पूर्वानुमान है।
उत्तराखंड के कुमाऊं में रेड अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून, हरिद्वार टिहरी और पौड़ी जिलों के लिए आरेंज अलर्ट और उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रपयाग जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। कहीं-कहीं हल्के से मध्यम भूस्खलन एवं चट्टान गिरने की आशंका है। उत्तर प्रदेश में पिछले चार-पांच दिनों से रुक-रुककर लगातार बारिश हो रही है।
मौसम विभाग ने शुक्रवार को पूर्वी उप्र समेत 10 जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है, जबकि 40 से अधिक जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बरसात होगी और वज्रपात की भी संभावना है। बिहार के उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व भागों में मेघ गर्जन, वज्रपात के साथ छिटपुट वर्षा की संभावना है। शिवहर, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, समस्तीपुर, सुपौल में भारी वर्षा की चेतावनी है।
गुरुवार को दिल्ली से सटे हरियाणा के अंबाला, नूंह, भिवानी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, फतेहाबाद और हिसार में जमकर वर्षा हुई। राजस्थान में लगातार दो दिन से हो रही वर्षा के कारण हुए हादसों में तीन लोगों की मौत हो गई। लगातार वर्षा से उत्तराखंड में दुश्वारियां बढ़ गई हैं। पहाड़ों में भूस्खलन और बरसाती गदेरों के उफान के कारण कई प्रमुख मार्ग बंद हैं। नदियों के रौद्र रूप धारण करने से आसपास की बस्तियों को खतरा उत्पन्न हो गया है।
बदरीनाथ हाईवे करीब दो घंटे अवरुद्ध रहा। उत्तरकाशी में गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में चीड़वासा नाले के उफान पर आने से अस्थाई पुलिया बह गई। इस दौरान दो कांवड़ यात्री भी बह गए। दोनों दिल्ली के बताए जा रहे हैं। पुलिया बहने और ट्रेक अवरूद्ध होने गोमुख की तरफ भोजवासा क्षेत्र में 35 पर्यटक फंसे हैं।
पिथौरागढ़ में निजी बाइक व कार से आदि कैलास गए 35 यात्री तीन दिन से तवाघाट में फंसे हैं। चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट मार्ग पिछले चार दिन से अवरुद्ध है। राज्य में 70 से अधिक संपर्क मार्ग मलबा आने से अवरुद्ध हैं। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण 115 सड़कें बंद हैं।
जम्मू-कश्मीर की स्थिति थोड़ी अलग है। जम्मू में गुरुवार तड़के काफी बारिश हुई। शुक्रवार को भी वर्षा के आसार हैं। इसके विपरीत कश्मीर में गर्मी का पारा नए शिखर की ओर है। कश्मीर के अधिकांश क्षेत्र जम्मू संभाग से अधिक तप रहे हैं।
श्रीनगर में बुधवार को अधिकतम तापमान जम्मू के 33 डिग्री को पीछे छोड़ते हुए 35.7 डिग्री सेल्सियस पर चढ़ गया। इस सीजन में श्रीनगर का यह सबसे अधिक तापमान है ही, साथ ही पिछले 25 वर्षों में यह सबसे अधिक तापमान है। इसके पहले नौ जुलाई, 1999 को ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर का अधिकतम तापमान 37 डिग्री पर पहुंचा था।
काजीगुंड, पहलगाम, सोनमर्ग और कुलगाम को छोड़कर कश्मीर के लगभग सभी क्षेत्र जम्मू से अधिक गर्म रहे। बता दें कि जुलाई माह में कश्मीर के अधिकतर हिस्सों का तापमान सामान्यता 22-25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा करता था, लेकिन इस बार 30 डिग्री के पार चला जाना असामान्य है और इसका कारण ग्लोबल वार्मिंग का असर है।
मौसम विशेषज्ञ फैजान आरिफ के मुताबिक, वर्ष 1946 में जुलाई माह में श्रीनगर में अधिकतम तापमान 38.3 डिग्री सेल्सिसयस दर्ज हुआ था। जुलाई माह में श्रीनगर के तापमान ने 10 बार रिकार्ड बनाए। 1999 में नौ जुलाई को 37 डिग्री पर पारा चला गया था। इसके बाद अब यानी चार जुलाई को यह 35.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा गया। फैजान ने कहा कि जून, जुलाई व अगस्त में तापमान का बढ़ना और 30 डिग्री के पार चले जाना पहले भी हुआ है, लेकिन लंबे समय तक 30 डिग्री के पार नहीं रहा।
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