केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि पिछले दस सालों में सरकार के प्रयासों से देश में अंगदान की संख्या में चार गुना बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। लेकिन इस दिशा में अभी और जागरुकता की जरूरत है क्योंकि अंगों की उपलब्धता और मांग के बीच बड़ा अंतर है। इस खाई को पाटने के लिए अंगदान के प्रति लोगों को जागरुक करने की बहुत आवश्यकता है।
भारत में अंगदान करने की संस्कृति प्राचीन : अनुप्रिया पटेल
शनिवार को इंटरनेशनल आम्बेडकर सेंटर में 14वें राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बताैर मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारत में अंगदान की संस्कृति बहुत प्राचीन है। महर्षि दधीचि ने अपने सारे अंगों का दान कर उदाहरण स्थापित किया था। इस मानव परोपकार के कार्य के लिए सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंगदान के मामले में भारत अभी भी कई देशों से पीछे है। 14वें राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर, देश के सभी नागरिकों से अपील करते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा कि ‘अंगदान महादान है’ और हमें इसी भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए। अधिक से अधिक लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में अधिक से अधिक अंगदाता बनने से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है, इससे बड़ा कोई परोपकारी और मानवीय कार्य कोई दूसरा नहीं हो सकता।
इस मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल सहित कई लोग मौजूद थे। इस अवसर नाटक की भी प्रस्तुति दी गई, जिसमें अंगदान के महत्व से लोगों को रूबरू कराया गया। कार्यक्रम के दाैरान एक रिपोर्ट भी पेश की गई, जिसमें बताया गया कि 2014 में कुल 4020 अंग दान किए गए थे, जो दस सालों में बढ़कर चार गुना हो गए हैं।