पीएफआई सदस्यों की अग्रिम जमानत अर्जी हुई खारिज

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हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान गड़बड़ी फैलाने के छह आरोपितों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने माना कि तथ्यों और परिस्थितियों को देखने पर प्रथम दृष्टया अपीलकर्ताओं के खिलाफ मामला सही प्रतीत होता है।

इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है। न्यायमूर्ति विपुल एम पंचोली और न्यायमूर्ति रमेश चंद मालवीय की खंडपीठ ने पांच आपराधिक अपील पर एक साथ सुनवाई के बाद सभी को खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि बिहार पुलिस को 11 जुलाई 2022 को गुप्त सूचना मिली कि पीएफआई के सक्रिय सदस्य राज्य में प्रस्तावित प्रधानमंत्री की यात्रा में गड़बड़ी पैदा करने वाले हैं। सूचना पर फुलवारीशरीफ पुलिस ने जलालुद्दीन खान उर्फ मो. जलालुद्दीन के घर पर छापेमारी की। पुलिस ने जलालुद्दीन खान और अतहर परवेज को पीएफआई के सक्रिय सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया। इस संबंध में फुलवारीशरीफ थाना कांड संख्या 827/22 दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई। हालांकि, 22 जुलाई 2022 को गृह मंत्रालय ने इस कांड की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंप दिया।

मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि घटना के समय राज्य में पीएफआई प्रतिबंधित संगठन नहीं था। घटना के बाद सरकार ने 28 सितम्बर 2022 को पीएफआई को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया। प्रतिबंधित संगठन घोषित किये जाने के पूर्व इस संगठन के लोग पूरे देश में चुनाव लड़े थे। कोर्ट को बताया कि जलालुद्दीन खान उर्फ मो. जलालुद्दीन के घर पर छापेमारी की गई, अपने घर की ऊपरी मंजिल को अतहर परवेज को उन्होंने किराए पर दिया था।

पुलिस ने अतहर परवेज के किराए पर लिए कमरे से देश की संप्रभुता को बाधित करने और भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने के साथ संविधान नष्ट कर भारत में पैन-इस्लामिक शासन स्थापित करने के उद्देश्य से गैरकानूनी गतिविधियों से संबंधित दस्तावेज बरामद किए। बरामद दस्तावेजों से एजेंडे को लागू करने के लिए सशस्त्रत्त् संघर्ष और हिंसक तरीकों के प्रचार की बात कही गई थी। उनका कहना था कि सात पन्ने का मिशन इंडिया-2047 नामक बुकलेट पाये जाने के आरोप में जलालुद्दीन खान उर्फ मो. जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया गया। इस केस में 25 को अभियुक्त बनाया गया। वहीं केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि यूएपीए कानून की धारा 43 डी(4) के तहत अग्रिम जमानत अर्जी सुनवाई योग्य नहीं है।

इनकी अग्रिम जमानत हुई खारिज

● मंजर परवेज

● शमीम अख्तर

● अब्दुर रहमान उर्फ अब्दुल रहमान

● महबूब आलम उर्फ महबूब नादवी

● मो. खलिक उज्जमान उर्फ खलिकुर अमन

● मो. अमीन उर्फ मो. अमीन आलम

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