बिहार : राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सामान्य भविष्य निधि में अधिकतम सीमा से अधिक का अंशदान स्वीकार्य नहीं होगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पांच लाख रुपये से अधिक का अंशदान करने वाले सरकारी सेवकों को अधिशेष राशि वापस की जाएगी। उस पर उन्हें कोई ब्याज नहीं मिलेगा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 तक जिन सरकारी सेवकों ने पांच लाख से अधिक का अंशदान किया है, वे भविष्य निधि पर देय ब्याज के हकदार होंगे।मालूम हो कि सामान्य भविष्य निधि में एक वर्ष के दौरान अधिकतम पांच लाख रुपये तक ही अंशदान किया जा सकता है। यह अधिसीमा 2023-24 के प्रभाव से निर्धारित कर दी गई है। इसके लिए बिहार सामान्य भविष्य निधि नियमावली-1948 में संशोधन किया गया है।
वित्त विभाग के सचिव (व्यय) दीपक आनंद ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। संशोधन के अनुसार अगर कोई अंशदाता भविष्य निधि अंशदान के लिए निर्धारित अधिकतम सीमा को प्राप्त कर लेता है तो इस निधि में मूल वेतन से छह प्रतिशत मासिक की कटौती वाला प्रावधान शिथिल माना जाएगा।
यह प्रावधान केवल उन्हीं मामलों में शिथिल होगा, जहां अंशदान अधिसीमा तक पहुंच रहा हो। जानकारी के अनुसार भविष्य निधि में अधिसीमा से अधिक के अंशदान के कई मामले सरकार के संज्ञान में आए थे।