बिहार के जमुई में बरहट प्रखंड के नौ में से सात पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा लेकर मकान नहीं बनाने वाले 41 परिवारों को चिन्हित कर प्रशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस क्रम में बुधवार को बीडीओ श्रवण कुमार पांडेय व अन्य पदाधिकारी दलबल के साथ मलयपुर पंचायत और बरहट पंचायत के लाभुकों को आवास बनाने को लेकर प्रेरित किया।
मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी आवास योजना में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार मिल रही थी। शिकायत मिल रही थी कि जिन लोगों को योजना का लाभ मिल गया है उनमें से दर्जनों लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पहली किश्त का पैसा ले लिया, लेकिन मकान निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है।
इस विषय को गंभीरता से लेते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रवण कुमार के निर्देश पर आवास सहायक व पर्यवेक्षकों द्वारा घर नहीं बनाने वाले लोगों को सफेद तथा लाल नोटिस दिया गया। साथ ही सर्टिफिकेट केस भी किया गया है, इसके बावजूद ऐसे लोग अपनी हठधर्मिता पर डटे हुए हैं।आंकड़ों के मुताबिक, बरहट पंचायत के 10, डाढा के पांच, मलयपुर के चार, कटौना के दो, नूमर के आठ, लखैय के छह तथा पाड़ो के छह लाभुक राशि लेकर घर नहीं बनाने वाले के रूप में चिह्नित किए गए हैं। बता दें कि गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवार के लोगों को छत देने के लिए चयनित लाभुक के बैंक खाते में 1,30,000 रुपये तीन किश्तों में दिए जाते हैं।
लाभुक जल्द करें कागजी प्रक्रिया पूरी
वित्तीय वर्ष 2017 से 2021 तक पीएम आवास योजना के तहत जो भी लाभुक हैं उनकी समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है।
मसलन, जो पहली या दूसरी किश्त भी लेने के बावजूद अभी तक घर बनाना शुरू नहीं किए हैं, जिनका घर बन गया है और शेष राशि का भुगतान नहीं हुआ है, अथवा कई अन्य प्रकार की जो समस्याएं हैं, उन समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है।
कोई भी लाभुक जिन्होंने इस तरह की योजना का लाभ लिया है और भटक रहे हैं, उन्हें भटकने की जरूरत नहीं है। संबंधित लोग प्रखंड कार्यालय में अपना आवेदन देकर समस्याओं का निराकरण करा सकते हैं।
क्या कहते हैं बीडीओ?
बरहट बीडीओ श्रवण कुमार पांडेय ने बताया कि आवास सहायक व पर्यवेक्षकों द्वारा घर नहीं बनाने वाले लोगों को सफेद व लाल नोटिस देने के साथ उन पर सर्टिफिकेट केस किया जा चुका है। इसके बावजूद वे लोग अपनी हठधर्मिता पर अड़े हुए हैं।
बीडीओ ने बताया कि वैसे लाभुक जिन्होंने पहली या दूसरी किश्त की राशि लेकर भी अभी तक आवास नहीं बनाया है, उन्हें एक सप्ताह का समय दिया गया है। नहीं बनाने पर अब उनके खिलाफ संबंधित थाना क्षेत्र में कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
सरकार से पैसे लेने के बावजूद मकान न बनाने के लिए उन्हें जिम्मेदार माना गया है। इनमें सभी वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2021-22 के लाभान्वित हैं। वैसे लाभुक से सरकार पैसा वसूल और कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना ली है।