पुणे हिट एंड रन केस में सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. ससून अस्पताल के गिरफ्तार डॉक्टर श्रीहरि हल्नोर, डॉक्टर अजय तावड़े और लैब के कर्मचारी अतुल घट कांबले को निलंबित कर दिया गया है. इन पर ब्लड सैंपल बदलने में मदद करने का आरोप है. मेडिकल कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने तुरंत ये एक्शन लिया है. तीनों ही आरोपी इस वक्त क्राइम ब्रांच की कस्टडी में हैं.
डॉक्टर अजय और नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल के बीच फोन पर बात हुई थी, जिसमें इन लोगों के बीच डील हुई. डॉक्टर अजय ने डॉक्टर श्रीहरि हल्नोर को बताया. फिर दोनों ने ब्लड सैंपल बदल दिया. रिपोर्ट में बताया कि आरोपी ने शराब नहीं पी थी, जबकि इस मामले में सीसीटीवी फुटेज था. दूसरी ओर अतुल कांबले ने अग्रवाल के घर जाकर 3 लाख रुपये लिए थे, जिन्हें वो कार में रखकर ले गया था.
सरकार ने अस्पताल के डीन पर भी एक्शन
अस्पताल से जुड़े 3 लोगों को सस्पेंड करने के बाद सरकार ने अस्पताल के डीन के खिलाफ कार्रवाई की है. ससून अस्तपाल के डीन विनायक काले को जबरन छुट्टी पर भेजा है. डॉक्टर चंद्रकांत म्हस्के को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है. फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर अजय तावड़े और ससून अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी हल्नोर के खिलाफ महाराष्ट्र मेडिकल शिक्षा विभाग (Maharashtra Medical Education Department) के आयुक्त की सिफारिश पर निलंबित करने का आदेश दिया गया है.
इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा है कि राज्य सरकार को आरोपों की जांच के लिए नियुक्त तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट मिल गई है. इसके आधार पर दोनों डॉक्टरों को निलंबित करने का आदेश जारी किया है. तावड़े की रिमांड मांगते हुए पुलिस ने अदालत को बताया था कि नाबालिग के खून के सैंपल को बदलने के लिए रिश्वत ली गई थी. जांच में पता चला कि सैंपल को बदला गया था. आरोपी के पिता ने तावड़े से फोन पर 14 बार बात की थी.
क्या है पूरा मामला
पुणे में एक नाबालिग ने 18 मई को पोर्श गाड़ी से दो लोगों को भीषण टक्कर मारी थी. ओवर स्पीडिंग की वजह से हुए इस हादसे में एक युवक और युवती की मौत हो गई थी. इसके बाद नाबालिग को जुवेनाइल कोर्ट ने जमानत भी मिल गई थी. बाद में उसकी जमानत रद्द करके रिमांड होम भेजा गया. सबूतों को छिपाने और पुलिस को गुमराह करने के आरोप में उसके पिता समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस सभी पहलुओं पर बाारीकी से जांच कर रही है.