कटिहार जिले के बारसोई में गबन की आरोपित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) पूर्णिया की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) बन गई हैं। पूर्णिया की डीपीओ सह बारसोई की पूर्व सीडीपीओ अनीता कुमारी पर आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए आवंटित चावल बेचने का आरोप है।
उनके विरुद्ध बारसोई के आबादपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज है। उसी सीडीपीओ को 30 जून को तबादले के बाद पहले तो पूर्णिया के बनमनखी प्रखंड का सीडीपीओ बनाया गया फिर पदस्थापना के महज 20 दिनों के बाद ही उन्हें जिला बाल विकास के डीपीओ का प्रभार दे दिया गया।
डीएसपी ने दिया है गिरफ्तारी का आदेश
उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में बारसोई डीएसपी ने मामले को सत्य पाते हुए गिरफ्तारी का आदेश दिया है। यद्यपि इस आदेश का अनुपालन पुलिस अधीक्षक की अंतिम मुहर लगने पर ही होगा।
क्या है अनीता कुमारी का मामला?
अनीता कुमारी के विरुद्ध कटिहार के डीपीओ ने गत 20 जून को आबादपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें वितीय वर्ष 2024- 25 के प्रथम तीन माह के लिए बारसोई प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए आवंटित 2035 क्विटंल सरकारी चावल की कालाबाजारी के प्रयास का आरोप लगाया था।
दो जून को ग्रामीणों ने पांच वाहनों पर लदे इस सरकारी चावल को पकड़कर पुलिस को सौंपा था। इसे कालाबाजारी के लिए बंगाल ले जाया जा रहा था। जब जब्त चावल की जांच शुरू हुई तो यह बात सामने आई की यह चावल बारसोई के क्रियाशील आंगनबाड़ी केंद्रों का है, जिसे उठाव कर आंगनबाड़ी केन्द्रों तक पहुंचाया जाना था।
मामले को छुपाने के लिए अनीता कुमारी ने रची साजिश
आंगनबाड़ी केंद्रों का सरकारी चावल जब्त होने के बाद अनीता ने मामले को छुपाने के लिए एक कहानी रची, जो जांच बाद पकड़ी गई। बारसोई परियोजना कार्यालय के पूर्व तिथि के पत्रांक द्वारा आंगबाड़ी केंद्र संख्या 302 बेलवा केंद्र की सेविका इशमत जहां खातून को तीन माह के लिए आवंटित चावल में से 1526 क्विटंल चावल उठाव के लिए अधिकृत करने संबंधी पत्र निर्गत कर दिया।सरकारी नियमों के अनुसार, चावल उठाव के लिए बाल विकास कार्यालय बरासोई को किसी कर्मी को अधिकृत करने का प्रविधान है, लेकिन सीडीपीओ ने आनन-फानन में सेविका को अधिकृत करने का पत्र जारी कर दिया, जो जांच में पकड़ा गया।