दिल्ली उच्च न्यायालय ने फर्जी पहचान मामले में पूर्व प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी पूजा खेडकर को 21 अगस्त तक गिरफ्तारी से संरक्षण की स्वीकृति दी है। उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को अगली सुनवाई तक उन्हें हिरासत में नहीं लेने का निर्देश दिया है। खेडकर संघ लोक सेवा आयोग के आवेदन में गलत तथ्य देने की आरोपी हैं। न्यायालय ने दिल्ली पुलिस और यूपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि उनकी तत्काल हिरासत क्यों आवश्यक है।
इससे पहले पहली अगस्त को जिला अदालत ने यू पी एस सी की शिकायत पर पूर्व प्रशिक्षु आई ए एस अधिकारी के विरूद्ध दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किये गये मामले के बाद खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। पूजा खेडकर यू पी एस सी की परीक्षा पास करने के लिए दिव्यांग व्यक्ति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की सुविधा गलत तरीके से लेने की आरोपी हैं। सिविल सेवा परीक्षा-2022 के नियमों का उल्लंघन करने की आरोपी साबित होने के बाद यू पी एस सी ने खेडकर का चयन रद्द कर दिया। यूपीएससी ने उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं से स्थाई रूप से वंचित भी कर दिया है।