हिंदी और मराठी कथा जगत की महत्वपूर्ण हस्ताक्षर पद्मश्री मालती जोशी नहीं रहीं। 90 वर्षीय मालती जोशी ने बुधवार देर शाम अपने पुत्र साहित्यकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी के आवास पर अंतिम सांस ली।
वे पिछले कुछ समय से आइसोफेगस के कैंसर से पीड़ति थीं। पचास से अधिक हिंदी और मराठी कथा संग्रहों की लेखिका मालती जोशी लोकप्रिय कथाकारों में शामिल थीं। अपने कथा कथन की विशिष्ट शैली के लिए भी उनकी अलग पहचान थी। उनके साहित्य पर देश के कई विश्वविद्यालयों में शोध कार्य हुए हैं। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार 16 मई को लोधी रोड शव दाह गृह में होगा।