प्रख्यात कृषिविद और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित कमला पुजारी का ओडीसा के कटक में आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 74 वर्ष की थीं। उन्हें वृद्धावस्था की कई तकलीफों की शिकायत के बाद कटक के एस0 सी0 बी0 मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती किया गया था1 ओडीसा के कोरापुट जिले के पत्रपुट गांव में जन्मीं कमला पुजारी को कृषि के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 में प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वे जैविक कृषि में उनके योगदान और धान की स्वदेशी किस्मों के परिरक्षण के लिए विश्वभर में विख्यात हैं।
धान की एक सौ से अधिक किस्मों के अलावा उन्होंने हल्दी और जीरे की कई किस्मों के परिरक्षण की दिशा में योगदान दिया। कमला पुजारी गांवों में नंगे पैर जाया करती थी और किसानों विशेषकर महिलाओं को जैविक कृषि और जैविक उर्वरकों के इस्तेमाल की जानकारी दिया करती थी।