प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में उच्च पैदावार वाली, जलवायु अनुकूल और जैव सशक्त फसलों की 109 किस्में जारी कीं। ये किस्में 65 फसलों की हैं जो खेती और बागवानी फसलें हैं। खेती फसलों में बाजरा, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास और अन्य फसलों के बीज शामिल हैं। बागवानी फसलों में फल, सब्जी, कंदमूल, मसाले, फूल और औषधि पौधों के बीज शामिल हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने किसानों और वैज्ञानिकों से बातचीत भी की। नई फसल किस्मों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इनसे कृषि में मूल्यवर्धन होगा। किसानों ने कहा कि नई किस्मों से उनके खर्चों में कमी आएगी और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
श्री मोदी ने मोटे अनाज का उल्लेख किया और कहा कि लोग पोषक खानपान की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे में बात की और कहा कि आम जनता का जैविक कृषि पर भरोसा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोग जैविक खाद्य पदार्थों का उपभोग कर रहे हैं और इनकी मांग करते हैं। किसानों ने प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र की जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों को नई किस्मों के बारे में किसानों को जानकारी देने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
श्री मोदी ने नई फसल किस्म विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों की सराहना की। वैज्ञानिकों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री के सुझावों के अनुरूप काम कर रहे हैं।
बाद में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवाददाताओं से कहा कि आज किसानों के लिए ऐतिहासिक दिन है जब 65 फसलों की 109 किस्में जारी की गई हैं। उन्होंने कहा कि इनसे किसानों की आय बढ़ेगी, पैदावार में इजाफा होगा और लागत घटेगी। श्री चौहान ने कहा कि इन फसलों के बीज जलवायु अनुकूल है और खराब मौसम में भी बेहतर पैदावार दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि ये किस्में पोषक तत्वों से भरपूर है।
हमारे संवाददाता ने कार्यक्रम में मौजूद कुछ किसानों से बातचीत भी की। किसानों ने भरोसा जताया कि इन फसलों से आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।