प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को महात्मा गांधी के नेतृत्व में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर पीएम मोदी ने औपनिवेशिक शासन से भारत की आजादी के संघर्ष में इस आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बापू के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन हमारे स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण क्षण था।
पीएम ने इस अवसर पर एक वीडियो संदेश के जरिये अपने विचार भी साझा किए। वीडियो संदेश में उन्होंने कहा आज भारत एक स्वर में भ्रष्टाचार, वंशवाद,तुष्टिकरण भारत छोड़ो का आह्वान कर रहा है। संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक भारत छोड़ो आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा 9 अगस्त, 1942 को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने की मांग करते हुए शुरू किया गया था।
9 अगस्त 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन इसलिए भी महत्वपूर्ण जाता है क्योंकि इसने अंग्रेजों को यह एहसास दिलाया कि भारत पर शासन करना जारी रखना अब संभव नहीं रहा और उन्हें देश से बाहर निकलने के लिए सोचने पर मजबूर किया। इस आंदोलन के साथ अहिंसक तरीके से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके तहत महात्मा गांधी ने ‘भारत से व्यवस्थित ब्रिटिश वापसी’ का आह्वान किया।
महात्मा गांधी ने इस आंदोलन में सभी भारतीयों से किया था ‘करो या मरो’ का आह्वान
अपने भाषणों के माध्यम से गांधी ने लोगों को यह घोषणा करके प्रेरित किया कि “हर भारतीय जो स्वतंत्रता चाहता है और इसके लिए प्रयास करता है उसे अपना मार्गदर्शक खुद बनना चाहिए।” 1942 में इसी दिन गांधी जी ने अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए सभी भारतीयों से “करो या मरो” का आह्वान किया था। यह आंदोलन मुंबई के ग्वालिया टैंक से शुरू हुआ था। इस दिन को हर साल अगस्त क्रांति दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।