प्राण-प्रतिष्ठा से पहले आज 114 कलशों से भगवान राम का होगा जलाभिषेक, सांय पूजन के साथ आरती

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मूर्ति को 114 कलशों से नहलाया जाएगा. इसके बाद महापूजा, रात्रि जागरण, सांय पूजन के साथ आरती होगी।

राम मंदिर में विशेष अनुष्ठान हो रहा है. अब बस एक दिन शेष रहा गया है रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में. रविवार यानी आज 114 कलशों के जल से भगवान राम की प्रतिमा को स्नान कराने की तैयारी हो रही है. आज रामलला के मंडप की पूजा होनी है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ट्वीट करते हुए बताया, रविवार को स्थापित देवताओं का दैनिक पूजन, हवन, पारायण आदि कार्य सुबह के वक्त में होगा. मूर्ति को 114 कलशों से नहलाया जाएगा. इसके बाद महापूजा, रात्रि जागरण, सांय पूजन के साथ आरती होगी।

चीनी व फलों से अनुष्ठान भी हुआ

एक ​दिन पहले शनिवार को राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले वैदिक अनुष्ठानों के पांचवें दिन चीनी और फलों के साथ दैनिक प्रार्थना और हवन होगा. श्री राम जन्मभूमित तीर्थ ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि 20 जनवरी 2024 को दैनिक पूजा-अर्चना, हवन आदि की गई. इसके साथ चीनी व फलों से अनुष्ठान भी हुआ. मंदिर के प्रांगण में 81 कलश स्थापित किए गए. इसके बाद संध्या पूजा व आरती की गई. 22 जनवरी को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से दो दिन पहले से ही अतिथियों का आना लगा हुआ है. भगवान राम के बाल स्वरूप को दर्शाने वाले पोस्टर प्रवेश द्वार पर लगाए गए हैं।

मंदिर के गर्भगृह में रखी मूर्ति

अयोध्या में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के लिए भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को प्रसिद्ध मैसूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई रामलला की प्रतिमा को गर्भगृह के अंदर रखा गया. इसे घूंघट से ढका गया था. मूर्ति की पहली तस्वीर गुरुवार को मीडिया में छा गई थी. मीडिया से बातचीत करते हुए, श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास का कहना है कि भगवान की आंखें कपड़े के एक टुकड़े के पीछे रखी हैं. इन्हें ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले प्रकट नहीं किया जा सकता है। ’

वायरल हो रही तस्वीर

मीडिया में हालांकि खुली आंखों वाली मूर्ति की कई तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही हैं. इसे लेकर आचार्य सत्येन्द्र दास ने मीडिया को बताया कि वायरल तस्वीरें असली मूर्ति की नहीं हैं. ‘हमारी मान्यताओं के अनुसार, ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के पूरा होने से पहले मूर्ति की आंखें सामने नहीं प्रकट की जाती हैं. आंखे दिखाने वाली तस्वीरें असली मूर्ति की नहीं हैं. अगर वायरल तस्वीरों में असल मूर्ति की झलक है तो इसकी जांच होनी चाहिए। ‘

 

 

 

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