Purnia

फ़िल्मी अंदाज में बदमाशों ने दिनदहाड़े पूर्णिया तनिष्क से लूटे दो करोड़

पूर्णिया शहर के लाइन बाजार स्थित तनिष्क शोरूम में शुक्रवार की दोपहर 12 बजे डकैती हो गई। सात हथियारबंद बदमाशों ने शोरूम कर्मियों को बंधक बनाकर लगभग दो करोड़ के आभूषण लूट लिये। आभूषण सोने एवं हीरे के हैं।डकैती की पूरी वारदात शोरूम में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद है। वारदात को 15 मिनट के भीतर अंजाम दिया गया। फुटेज में दो बदमाशों का चेहरा स्पष्ट दिख रहा है। बाकी ने अपने चेहरे पर मास्क लगा रखे थे। अपराधियों की उम्र 20 से 25 वर्ष लग रही है।

शोरूम के कर्मियों ने बताया कि पहले पांच युवक मास्क लगाए ग्राहक के रूप में घुसे। सभी लोग पैदल ही शो रूम तक आए थे। बाद में एक बाइक से बिना मास्क के दो युवक आए और गन प्वाइंट पर पहले गार्ड को कब्जे में लिया। फिर सभी कर्मियों एवं मौजूद ग्राहकों को बंधक बना लिया। सभी के मोबाइल को एक जगह जमा करने के पश्चात एक-एक लॉकर तोड़कर जेवरात निकाल एक बैग में भरने लगे। इतने में दुकान का सायरन बजा तो बैग में रखे जेवरात लेकर सभी बाहर भाग निकले।

लाइन बाजार स्थित तनिष्क शो रूम में लूट की घटना को बदमाशों ने फिल्मी अंदाज में अंजाम दिया। घटना की प्रकृति यह बता रही है कि बदमाशों ने इसके लिए फूलप्रूफ प्लानिंग कर रखी थी। ड्यूटी पर तैनात एक कर्मी ने बताया कि पश्चिम दिशा से पांच की संख्या में आए पांच लोगों ने ग्राहकों की तरह व्यवहार करना शुरू किया। ये लोग ज्वेलरी की कीमत भी पूछ रहे थे। थोड़ी ही देर में एक बाइक पर सवार दो बदमाश वहां आए और अंदर दाखिल हुए। उनका चेहरा बिल्कुल स्पष्ट दिख रहा था। दोनों के घुसते ही शोरूम के अंदर के सभी बदमाश एक्टिव हो गए।

गार्ड ने जैसे ही अंदर झांका कि एक ने पिस्टल निकाल कर उसे कब्जे में ले लिया। शोरूम के कर्मी जब तक कुछ समझ पाते सभी बदमाशों ने अपने-अपने हथियार निकालकर कर्मियों को धमकाना शुरू कर दिया। सभी के हाथ में दो-दो पिस्टल थी।बदमाश सात की संख्या में थे। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। लगभग दो करोड़ रुपए के आभूषणों की लूट हुई है।

बदमाशों का अंदाज बता रहा था कि अपराधी बाहर के थे

पूर्णिया। दिन-दहाड़े लूट की बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों की पहचान एवं उनकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने गतिविधि तेज कर दी है। परन्तु बताया जा रहा है कि जिस अंदाज में अपराधी कर्मियों को धमका रहे थे एवं गाली-गलौज कर रहे थे, उससे लग रहा था कि अपराधी कहीं बाहर के थे। उनकी बोल-चाल की भाषा स्थानीय स्तर पर बोल-चाल में प्रयोग में लाई जाने वाली भाषा से अलग थी। अगर अपराधी बाहर के थे तो यह सवाल स्वत उत्पन्न हो जाता है कि बाहर के अपराधियों ने घटना को इतने आराम से कैसे अंजाम दिया। बहरहाल डीआईजी विकास कुमार ने कहा कि अपराधियों को बोलने का अंदाज समेत विभिन्न मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दिया है।

-विकास कुमार, डीआईजी

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.