बक्सर के चौसा बिजली घर से इसी वर्ष होगा उत्पादन

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बक्सर के चौसा बिजली घर से इस साल उत्पादन शुरू हो जाएगा। 660 मेगावाट की दो यूनिट में से एक यूनिट का उत्पादन शुरू होने पर बिहार को 561 मेगावाट बिजली मिलेगी। चौसा से बिजली मिलने पर बिहार को बाजार से बिजली खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

कंपनी अधिकारियों के अनुसार चौसा बिजली घर को चालू करने की कार्रवाई तेजी से चल रही है। रेल ट्रैक और गंगा नदी से पानी का उपयोग करने के लिए चैनल का निर्माण होना बाकी है। सरकार की कोशिश है कि इस साल यह काम पूरा कर लिया जाए ताकि प्लांट चालू किया जा सके। अभी यहां 660 मेगावाट की दो इकाई पर ही काम चल रहा है।

भविष्य में चौसा में 660 मेगावाट की एक और इकाई का निर्माण किया जाएगा। इस तरह चौसा बिजली घर की कुल उत्पादन क्षमता 1320 मेगावाट से बढ़कर 1980 मेगावाट हो जाएगाी। इसमें से बिहार को 1683 मेगावाट बिजली मिलेगी। पहली यूनिट के शुरू होने के एक साल के भीतर 660 मेगावाट की दूसरी यूनिट भी शुरू हो जाएगी। इस तरह 2025 के अंत तक चौसा बिजली घर की दोनों यूनिट चालू होने की संभावना है।

चौसा बिजली घर बनाने के लिए बिहार सरकार ने केंद्र सरकार व हिमाचल प्रदेश की साझा कंपनी एसजेवीएन से 17 जनवरी, 2013 को करार किया था। मौजूदा स्थिति के अनुसार प्लांट में दो यूनिट बनाने का काम जोरों से चल रहा है। इस बिजली घर में 30 प्रतिशत तक विदेशी कोयला का उपयोग होगा। 2008 में इस परियोजना की लागत 6791 करोड़ आंकी गई थी जो मई, 2014 में बढ़कर 9591 करोड़ और अभी लगभग 13 हजार करोड़ से अधिक हो गई है। बिजली घर पर काम शुरू होने के समय उत्पादन लागत 2.55 रुपए आंकी गई थी जो अभी चार रुपए प्रति यूनिट से अधिक हो गई है।

चौसा में एक और बिजली घर बनने से बिहार में बिजली की मांग और आपूर्ति में होने वाली कमी दूर हो जाएगी। अभी राज्य में बिजली की औसत मांग सात हजार मेगावाट है जो साल के अंत तक आठ हजार मेगावाट होने का अनुमान है। केंद्रीय कोटा से बिहार को लगभग छह हजार मेगावाट बिजली मिलती है।

रेल ट्रैक और नहर का निर्माण बाकी

चौसा बिजली घर के लिए अभी रेलवे ट्रैक और गंगा नदी का पानी उपयोग करने के लिए चैनल का निर्माण होना बाकी है। इसके लिए जमीन की आवश्यकता है। जिला प्रशासन जब भी जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू करता है कि कोई न कोई समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस मसले पर किसानों की ओर से उग्र प्रदर्शन भी किया जा चुका है। अगर जमीन मिलने में देरी हुई तो इसका सीधा असर चौसा बिजली घर से उत्पादन पर होगा। हालांकि, बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि प्रयास है कि जल्द जमीन मिल जाए।

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