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बक्सर से टिकट कटने पर अश्विनी चौबे का छलका दर्द, कहा : मैं एक फकीर हूं और बक्सर का हूं, टिकट के लिए कभी नहीं….

बक्सर लोकसभा सीट से टिकट कटने के बाद बीजेपी नेता अश्विनी चौबे का दर्द झलक उठा। उन्होंने दो टूक अंदाज में आज कह दिया कि मैंने आजतक कभी अपने लिए और नहीं कभी अपने परिजन के लिए हाथ नहीं पसारा है। मीडिया से मुखातिब होते हुए बिहार बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शामिल अश्विनी चौबे ने कहा कि मेरा कसूर सिर्फ यही है कि मैं एक फकीर हूं। मेरा कसूर सिर्फ यही है कि मैं उस समाज से आता हूं, जहां बाहर में लोग कहते हैं कि आप ब्राह्राण समाज से आने के नाते टिकट कट गया लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता हूं।

उन्होंने दो टूक अंदाज में कहा कि मैं ऐसा कभी नहीं सोचता। मैं तो पार्टी का कार्यकर्ता, संघ का स्वयंसेवक और लगातार राष्ट्रसेवा में लगा रहा। उन्होंने कहा कि बात टिकट काटने का नहीं है। पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है और मुझे पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है। संघर्ष और सत्य ही हमारे जीवन की पूंजी रही है। बचपन में भी मैं किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया है तो अब क्या हाथ फैलाऊंगा।

अश्विनी चौबे ने कहा कि पार्टी ने मुझे अब तक जो सम्मान दिया है, वह बहुत ही काफी है। अब जरूरत है कि मैं पार्टी को सम्मान दूं। मैं कभी भी पार्टी से नाराज नहीं हूं बल्कि नाराज तो वह लोग होकर जाएंगे, जो यहां के नहीं हैं, मैं तो बक्सर का हूं और बक्सर का ही बन कर रहूंगा। अश्विनी चौबे ने रामचरितमानस की चौपाई की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान राम के लिए लिखी गई पुस्तक में एक चौपाई है, जिसमें कहा गया है – मान सहित विष पीके, शम्भू भयो जगदीश। बिना मान अमृत पीए, राहु कटायो शीष। गोस्वामी तुलसीदास ने भी एक लाइन कही है कि तुलसी भरोसे राम निर्भय होकर सोए। अनहोनी होनी नहीं होनी हो सो होय। हम रामकाज के लिए हैं, जो हो गया सो हो गया।

इसके साथ ही अश्विनी चौबे ने कहा कि बक्सर सीट पर मुझे नहीं मालूम की क्या होने वाला है लेकिन इतना तो मैं कह सकता हूं कि मैं हमेशा सक्रिय राजनीति में जुड़ा रहा हूं और अगले पांच साल तक सक्रिय राजनीति में जुड़ा रहूंगा। पीएम मोदी का मुझपर भरोसा है। मेरा कसूर यही है कि मैं फकीर हूं और मैं कभी अपने परिजन के लिए या कभी अपने गरीबों के लिए कुछ मांग नहीं की है। उसके बावजूद मेरा टिकट काट दिया गया तो इस बारे में मैं कुछ नहीं कर सकता।

इसके साथ ही अश्विनी चौबे ने कहा कि मैं यही बोल सकता हूं कि भाजपा मेरी मां है और मैं हमेशा भाजपा के साथ रहूंगा। अगले 5 साल तक मैं सक्रिय राजनीति में बना रहूंगा। इसके साथ ही।

इसके अलावा जब यह सवाल किया गया है कि ऐसा सुनने को मिल रहा है कि बक्सर के कैंडिडेट मिथिलेश तिवारी का विरोध किया जा रहा है तो इसके जवाब में अश्विनी चौबे ने कहा कि मुझे नहीं मालूम। मैं लगातार 15 दिनों के बाद में आपके सामने आज अपनी चुप्पी खोल रहा हूं – मुझे पता नहीं किस कारण से लोग विरोध कर रहे हैं। मेरा कसूर तो बस यही है कि मैं लगातार सक्रिय राजनीति में रहा और मुझे आज तक कभी हार का मुंह नहीं देखना पड़ा इसके बावजूद अगर ऐसा हुआ है तो मुझे नहीं मालूम ?


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