बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन ग्रीनफील्ड का निर्माण लगभग 6 वर्षों के बाद दोबारा शुरू हो गया है। जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके चालू होने से दक्षिण बिहार के कई जिलों से उत्तर बिहार की दूरी लगभग 60 किमी कम हो जाएगी। इस परियोजना के तहत गंगा ब्रिज का भी निर्माण होना है।
इस फोरलेन से नवादा, मुंगेर और नालंदा से आने वाली गाड़ियों को उत्तर बिहार जाने के लिए पटना नहीं आना होगा। जेपी सेतु, महात्मा गांधी और राजेंद्र सेतु पर वाहनों का दबाव भी कम होगा। यह ग्रीनफील्ड सड़क पटना-मोकामा फोरलेन के अलावा एनएच-103 जन्दाहा-मूसरीधरारी और एनएच-122बी महनार-बछवाड़ा से भी जुड़ेगा। इसके साथ ही ओडिशा, झारखंड और नेपाल के लिए एक विकल्प मिलेगा। बख्तियारपुर के करजान गांव से होते हुए समस्तीपुर जिला के ताजपुर तक 51 किलोमीटर में सड़क सह पुल का निर्माण 2875 करोड़ रुपये से हो रहा है।
2875 करोड़ रुपये हो गई योजना की लागत
बख्तियारपुर-ताजपुर का निर्माण नवंबर 2011 में शुरू हुआ था। पब्लिक प्राइवेट-पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल (निजी आदमी अपने पैसे से पुल का निर्माण कराने के बाद टोल टैक्स से पैसा वसूल करेगा) के तहत 1599 करोड़ से बनना था। लेकिन, जमीन अधिग्रहण और एजेंसी की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण परियोजना काफी धीमी गति से चल रही थी। इसी बीच मई 2017 में तेज आंधी-तूफान आने के कारण बख्तियारपुर की तरफ से पाया संख्या-1 के पास लॉन्चिंग गैंट्री गिर गयी। इससे निर्माण कार्य एक तरह से ठप हो गया। इसके बाद 2020 में मामला न्यायालय में पहुंचा। जहां न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद दोबारा अगस्त 2023 में पथ निर्माण विभाग और निर्माण एजेंसी के बीच इकरारनामा हुआ। लेकिन जमीन की दर बढ़ने और प्रोजेक्ट का रिवाइज एस्टीमेट बनने के कारण लागत 2875 करोड़ रुपये पहुंच गयी।
ब्रिज के 45 पिलर तैयार
बख्तियारपुर से ताजपुर के बीच 45.5 किमी सड़क और गंगा के ऊपर 5.5 किलोमीटर का ब्रिज बनाया जा रहा है। इसमें से सड़क का निर्माण कार्य 68 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है। वहीं गंगा में ब्रिज बनाने के लिए 46 पिलर का निर्माण होना है। इसमें 45 पिलर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके ऊपर सेगमेंट रखने का कार्य किया जा रहा है। सेगमेंट का कार्य पूरा होते ही कालीकरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा 29 ह्यूम पाइप कलवर्ट और 2 बॉक्स कलवर्ट का भी निर्माण किया गया है।
ये होगा फायदा
दक्षिण से उत्तर बिहार की दूरी 60 किमी होगी कम, नवादा, मुंगेर और नालंदा से आने वालों को होगा फायदा