ज्योतिष में शादी के कारक ग्रह शुक्र 75 दिन अस्त रहने के बाद 7 जुलाई को उदय हो रहे हैं और शुक्र के उदय होते ही पिछले 81 दिन से बंद बैंड-बाजा-बारात फिर से शुरू हो जाएंगे। शुक्र 24 अप्रैल को अस्त हुए थे और अस्त होने से तीन दिन पहले ही बाल्यात्व दोष से घिर गए थे। 7 जुलाई को शुक्र के उदय होने के बाद 10 जुलाई को शुक्र इस दोष के दायरे से बाहर आ जाएंगे और 11 जुलाई से शादियों के मुहुर्त शुरू होंगे और इस साल 11 दिसम्बर तक शादी के 60 मुहूर्त निकल रहे हैं।
इस बीच नवम्बर महीने में शादी के सबसे ज्यादा 15 मुहूर्त होंगे, जबकि अगस्त में 12, जुलाई और अक्तूबर में 10-10 और सितम्बर में शादियों के 9 मूहूर्त होंगे। शुक्र के अलावा गुरु भी वृषभ राशि में अस्त चल रहे थे, इस कारण भी शादियां नहीं हो रही थीं। हालांकि गुरु 30 मई को ही उदय हो गए थे, लेकिन शुक्र 7 जुलाई को उदय होंगे। ज्योतिष में गुरु को महिलाओं की कुंडली में पति का कारक माना जाता है और यदि शुक्र और गुरु दोनों ग्रह अस्त हों तो शादियां वर्जित हो जाती हैं। ग्रहों की अस्त स्थिति में शादी करने पर वैवाहिक जीवन में परेशानियां आती हैं। लिहाजा हिंदू समाज में इन दोनों ग्रहों के अस्त होने के बाद शादियां नहीं की जाती।
बुध और शुक्र की युति से आएगी खुशहाली
11 जुलाई को शादियों का सीजन शुरू होने के साथ ही बाजार में भी चहल पहल शुरू हो जाएगी और ज्वैलरी और कपड़े का बिजनैस आने वाले दिनों में बढ़ सकता है। दरअसल शुक्र के उदय होने के साथ ही बुध भी 29 जून को मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में आ जाएंगे और शुक्र भी 6 जुलाई को कर्क राशि में गोचर करेंगे और कर्क राशि में इन दोनों ग्रहों की युति बन जाएगी। ये दोनों ग्रह ज्योतिष में शुभ माने जाते हैं और दोनों ग्रहों की युति से प्रजा में सुख समृद्धि और वैभव में वृद्धि होती है। इससे मानसून भी बेहतर रहेगा और अच्छी बरसात से फसले भी अच्छी होंगी।
शादियों के शुभ मुहूर्त की तिथियां
- जुलाई- 11, 12, 14, 19, 20, 21, 22, 23, 27, 31
- अगस्त- 5, 6, 7, 8, 11, 13, 19, 23, 24, 26, 27, 28
- सितम्बर – 4, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14
- अक्तूबर- 3, 6, 7, 11, 12, 20, 21, 26, 27, 28
- नवम्बर – 3, 4, 6, 8, 9, 10, 14, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27
- दिसम्बर – 5, 6, 7, 11