बढ़ते हत्या की वारदातों के बाद अपने बचाव में उतरी बिहार पुलिस, पेश किया 23 साल में हुए हत्याओं का पूरा डाटा, 71 परसेंट हत्याएं के पीछे पर्सनल दुश्मनी

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दरभंगा, सारण, पटना, सासाराम सहित प्रदेश भर में जिस तरह से हत्या की वारदातें हो रही है। उसके बाद बिहार में पुलिस के काम पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे में अब बिहार पुलिस अपने ऊपर लग रहे आरोपों के बचाव में उतर आई है। पटना पुलिस मुख्यालय के एडीजी जेएस गंगवार ने बताया कि बिहार में पिछले दो दशक से भी ज्यादा समय में सबसे कम हत्या के मामले 2023 में दर्ज किए गए हैं। इस  दौरान उन्होंने 2001 से लेकर 2023 तक बिहार में हुई हत्यायों का पूरा डाटा भी प्रस्तुत  किया। उन्होंने बताया कि 2001 में जितने अपराध होते थे। अब उसमें लगभग 50 परसेंट की कमी आई है।

ज्यादातर हत्याएं पर्सनल दुश्मनी, अवैध संबंध और प्रेम प्रसंग में हुए

एडीजी ने इस दौरान पुलिस के काम का बचाव करते हुए बताया कि हाल के सालों में बिहार में पर्सनल दुश्मनी, अवैध संबधों और प्रेम संबंधों आदि के कारण सबसे ज्यादा हत्याएं हुई है। जो कि कुल हत्याओं में 71.2 परसेंट है। पुलिस ने तत्परता पूर्वक उनका अनुसंधान किया है। जिसमें 92 मामलों में चार्जशीट किए गए। पूरे देश में ऐसा करनेवाले कुछ ही राज्य हैं, जिसमें बिहार शामिल है।

देश भर में हत्या के मामले में 14 वां स्थान

जेएस गंगवार ने बताया कि देश भर में हत्या के मामले में बिहार का स्थान 14वां है।  जो बताता है कि दूसरे राज्यों में हत्या का ग्राफ कितना अधिक है। ओवरऑल अपराध की बात करें तो बिहार का स्थान 21वां है। जबकि स्थानीय अपराधों जैसे बिजली चोरी, एक्साइज चोरी जैसे मामलों को जोड़े तो बिहार 19वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 वर्षों में चौथा सबसे कम हत्या के कांड वर्ष 2023 में प्रतिवेदित हुए जबकि राज्य की जनसंख्या 8.3 करोड़ से बढ़कर 13.07 करोड़ हो गयी है।

वर्षवार ऑकड़ा निम्नवत् है।

Year             No. of Murder Cases

2001                 3619

2002                 3634

2003                 3652

2004                 3861

2005                 3423

2006                 3225

2007                 2963

2008                 3029

2009                 3152

2010                 3362

2011                 3198

2012                 3566

2013                 3441

2014                 3403

2015                 3178

2016                 2581

2017                 2803

2018                 2933

2019                 3138

2020                 3149

2021                 2799

2022                 2929

2023                 2844